क्या है भार्गवास्त्र?
भार्गवास्त्र एक कम लागत वाला, बहु-स्तरीय काउंटर-ड्रोन डिफेंस सिस्टम है, जिसे भारत की सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। यह सिस्टम खास तौर पर ड्रोन के झुंडों (Drone Swarms) को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखता है।
इसका पहला सफल फायरिंग ट्रायल मंगलवार को ओडिशा के गोपालपुर स्थित सीवर्ड फायरिंग रेंज में किया गया, जहां चार रॉकेट दागे गए और सभी ने अपने टारगेट को सटीकता से भेदा। ये परीक्षण भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में किए गए।
कैसे करता है काम?
भार्गवास्त्र की खासियत इसकी मल्टी-लेयर डिफेंस स्ट्रक्चर है: पहली लेयर – अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स, रॉकेट्स की ये पहली परत 20 मीटर की रेंज में ड्रोन झुंड को मार गिराने में सक्षम है। ये रॉकेट्स तेज़ी से लॉन्च होते हैं और कम लागत में काम करते हैं।
दूसरी लेयर – गाइडेड माइक्रो मिसाइल्स, यह परत उच्च सटीकता और लंबे रेंज के लिए बनाई गई है। ये छोटे और तेजी से उड़ रहे ड्रोन को भी टारगेट कर सकती हैं। अतिरिक्त लेयर – जैमिंग और स्पूफिंग (सॉफ्ट किल), भविष्य में इस सिस्टम में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता जोड़ने की भी योजना है, जिससे दुश्मन ड्रोन को दिशा भ्रमित किया जा सके।
पाक और चीन की बढ़ी चिंता
हालिया पाकिस्तानी ड्रोन हमलों के बाद भारत ने जवाब में महंगे मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स का उपयोग किया था, जिससे करोड़ों रुपये की लागत आई। मगर अब भार्गवास्त्र जैसे कम लागत वाले समाधान के आने से यह बोझ काफी हद तक कम होगा। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम आने वाले समय में चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। SDAL इसकी प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने और AI आधारित टारगेटिंग सिस्टम जोड़ने पर भी काम कर रही है।
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