यूपी में अवैध कब्जे पर एक्शन, सरकारी जमीन कर दें खाली!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अवैध कब्जों और निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की सख्ती लगातार जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति के तहत प्रदेश भर में सरकारी और ग्राम समाज की जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए बुलडोजर कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। हाल ही में श्रावस्ती, फतेहपुर और बागपत जिलों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई, जहां वर्षों से सरकारी ज़मीनों पर बने अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया।

श्रावस्ती: अवैध मदरसों पर चली बुलडोजर की गूंज

श्रावस्ती जिले के सिरसिया और जमुनहा क्षेत्रों में प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने दो अवैध मदरसों को गिरा दिया। प्रशासन का कहना है कि इन ढांचों का न तो कोई वैध दस्तावेज था और न ही कोई सरकारी अनुमति। इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद रही। जिला प्रशासन ने साफ किया कि सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह धार्मिक, शैक्षिक या निजी उद्देश्य से ही क्यों न हो।

फतेहपुर: 24 साल पुराने मदरसे पर चला बुलडोजर

फतेहपुर जिले के हथगांव कस्बे में प्रशासन ने एक 24 साल पुराने मदरसे 'हसरत मुहानी मुस्लिम विद्यालय' को जमींदोज कर दिया। यह मदरसा एक पुराने तालाब की जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ था। एसडीएम खागा और नगर पंचायत ईओ की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई ताकि किसी प्रकार का विरोध न हो। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में आए खर्च की भरपाई मदरसा संचालक से की जाएगी।

बागपत: ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा हटाया

बागपत जिले के खट्टा प्रहलादपुर गांव में ग्राम समाज की जमीन पर वर्षों से चल रहे कब्जे को समाप्त करने के लिए प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। ग्राम प्रधान क्षमा देवी समेत 12 लोगों के अवैध मकानों पर यह कार्रवाई की गई। इससे पहले कुछ मकानों पर बुलडोजर चला था, लेकिन कोर्ट से स्टे मिलने के कारण कार्रवाई रोक दी गई थी। पुनः शिकायत आने पर तहसील प्रशासन ने कोर्ट से स्टे हटवाकर ग्राम प्रधान के घर को भी ढहा दिया।

प्रदेशव्यापी संदेश: अवैध कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा

इस तरह की कार्रवाइयों से साफ संदेश जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अब सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन की ओर से यह अभियान अन्य जिलों में भी चलाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम राज्य में कानून व्यवस्था और शासन की पारदर्शिता को मजबूत करेगा।

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