8वें वेतन आयोग लागू होने में देरी: कर्मचारी हो रहे बेचैन!

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग की घोषणा 2025 में बड़ी उम्मीद लेकर आई थी। लेकिन अब तक आयोग की सिफारिशें जारी नहीं हो पाई हैं, जिससे वेतन वृद्धि के क्रियान्वयन में देरी ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में चिंता और बेचैनी बढ़ा दी है।

देरी के कारण क्या हैं?

8वें वेतन आयोग को मौजूदा 7वें वेतन आयोग की जगह लेना था, लेकिन टर्म ऑफ रिफरेंस (ToR) और अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी ने पूरी प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। जनवरी 2025 में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की जल्द घोषणा का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक अधिसूचना नहीं आई है। ऐसा लगता है कि जनवरी 2026 की कटऑफ तक आयोग का गठन संभव नहीं हो पाएगा।

7वें वेतन आयोग की तुलना में अधिक देरी

दिलचस्प बात यह है कि 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना में देरी अब 7वें वेतन आयोग से भी ज्यादा हो गई है। 7वें वेतन आयोग को आधिकारिक रूप से 25 सितंबर 2013 को लागू किया गया था, जबकि टर्म ऑफ रिफरेंस जारी करने में 156 दिन लगे थे। इसके विपरीत, 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद अब 165 से अधिक दिन बीत चुके हैं, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की चिंताएं

देरी को लेकर वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही चिंतित हैं। नेशनल कैंटीनर ज्वाइंट चैंबर ऑफ़ मैनेजमेंट (NC-JCM) सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर इस देरी पर स्पष्टता मांगी है। उन्होंने कहा कि सभी सुझाव पहले ही प्रस्तुत कर दिए गए हैं, लेकिन समय पर उचित सूचना और संचार नहीं किया जा रहा है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि हितधारकों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जो कर्मचारियों की बेचैनी को और बढ़ा रही है। NC-JCM ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जनवरी 2026 की समयसीमा का कड़ाई से पालन किया जाए।

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