बिहार शिक्षा विभाग ने जारी किये नए निर्देश, तुरंत पढ़ें

पटना। बिहार राज्य में शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य संबंधित पक्षों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग ने नई शिकायत निवारण प्रणाली की शुरुआत की है। इस व्यवस्था के तहत शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया को सरल, सुलभ और डिजिटल बनाया गया है।

शिकायतों के लिए टोल-फ्री नंबर जारी

अब कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत को दर्ज कराने के लिए सीधे टोल-फ्री नंबर पर कॉल कर सकता है। विभाग द्वारा दो टोल-फ्री नंबर जारी किए गए हैं: 14417 और 1800-345-4417, इन नंबरों के माध्यम से लोग अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं, जिन पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

शिकायतों का वर्गीकरण

शिक्षा विभाग ने शिकायतों को छह मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया है ताकि समस्याओं को संबंधित विभागों तक जल्दी और प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सके। ये श्रेणियां निम्नलिखित हैं:

1 .विद्यालय संबंधित शिकायतें: विद्यालय में संसाधनों की कमी, भवन की मरम्मत या निर्माण से संबंधित समस्याएं।

2 .शिक्षक संबंधित मुद्दे: स्थानांतरण, वेतन, प्रमोशन, ड्यूटी, उपस्थिति, और अन्य प्रशासनिक समस्याएं। 

3 .छात्र-छात्राओं से जुड़ी समस्याएं: छात्रवृत्ति, पाठ्यपुस्तक, यूनिफॉर्म, मध्याह्न भोजन या परीक्षा संबंधी शिकायतें। 

4 .वेंडर/आपूर्तिकर्ता से संबंधित शिकायतें: अनुबंध, भुगतान, सामग्री की गुणवत्ता आदि। 

5 .विश्वविद्यालय एवं कॉलेज से संबंधित मामले: परीक्षा परिणाम, नामांकन, प्रमाण पत्र से जुड़ी समस्याएं। 

6 .अवैध राशि की वसूली से जुड़ी शिकायतें: दाखिले, ट्रांसफर, परीक्षा या किसी सेवा के लिए रिश्वत की मांग। 

शिक्षकों के लिए विशेष निर्देश

शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी शिकायतें ई-शिक्षाकोष पोर्टल के ग्रीवांस मॉड्यूल पर अपने लॉग इन आईडी का उपयोग करके दर्ज करें। इससे न केवल शिकायतों का रिकार्ड डिजिटली संरक्षित रहेगा, बल्कि उनका समाधान भी तेज़ी से संभव हो सकेगा।

नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य

इस पूरी पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आए, जवाबदेही बढ़े और सभी स्तरों पर लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। इससे न केवल शिकायतकर्ता को राहत मिलेगी, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर लोगों का विश्वास भी मजबूत होगा।

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