नई दिल्ली। भारतीय रक्षा प्रणाली में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है। भारतीय वायु सेना (IAF) की सशक्तता अब और भी बढ़ने वाली है, क्योंकि अब वह अपनी मिसाइल क्षमताओं में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की नई BM-04 SRBM को शामिल करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह मिसाइल खासतौर पर पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन की गई है, जिससे भारत की सामरिक ताकत और भी मजबूत होगी।
BM-04: तकनीक और ताकत का बेहतरीन मेल
BM-04 मिसाइल एक अत्याधुनिक, कैनिस्टराइज्ड दो-चरण ठोस ईंधन वाली शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, जिसकी लंबाई लगभग 10.2 मीटर और वजन करीब 11,500 किलोग्राम है। इसे विशेष रूप से दुश्मन के एयरबेस, कमांड एवं कंट्रोल सेंटर और मोबाइल मिसाइल सिस्टम जैसे उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीक और विनाशकारी हमले के लिए विकसित किया गया है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है इसकी 400 से 1,500 किलोमीटर तक की प्रभावी मारक क्षमता, जो इसे भारतीय वायु सेना की वर्तमान मिसाइल प्रणाली में एक नई ताकत बनाती है।
हाइपरसोनिक बूस्ट-ग्लाइड टेक्नोलॉजी
BM-04 मिसाइल की सबसे बड़ी तकनीकी उपलब्धि है इसका हाइपरसोनिक बूस्ट-ग्लाइड बॉडी (C-HGB), जो मैक 5 से अधिक की गति से उड़ान भरता है। इससे मिसाइल को न केवल दुश्मन की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों से बचने की क्षमता मिलती है, बल्कि यह अंतिम क्षण में अपने लक्ष्य को भेदने में भी माहिर है। यह तकनीक BM-04 को एक बेहद तेज़ और अप्रत्याशित हथियार बनाती है, जिससे दुश्मन की सुरक्षा प्रणालियाँ असहाय हो जाती हैं।
सटीकता और वारहेड क्षमता बेहतरीन
BM-04 में 500 किलोग्राम के वारहेड को 30 मीटर से भी कम सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) के साथ निशाना लगाने की क्षमता है। इसका मतलब है कि यह मिसाइल न केवल दूर से लक्ष्य को भेद सकती है, बल्कि सटीकता के मामले में भी बेहद प्रभावशाली है। INS, GPS और भारत के खुद के उपग्रह नेविगेशन सिस्टम IRNSS की सहायता से यह मिसाइल बेहतर नेविगेशन और लक्ष्य निर्धारण सुनिश्चित करती है।
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