यूपी पंचायत चुनाव 2026: जानिए 5 बड़ी बातें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि ये चुनाव पुरानी नियमावली, यानी 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जाएंगे। साथ ही, आरक्षण व्यवस्था, परिसीमन और ओबीसी आरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलावों पर भी विचार किया जा रहा है। आइए जानते हैं पंचायत चुनाव 2026 से जुड़ी 5 बड़ी जानकारियाँ:

1. पुरानी नियमावली से ही होगा चुनाव

उत्तर प्रदेश सरकार ने तय किया है कि 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव पूर्ववर्ती नियमों के तहत ही कराए जाएंगे। यानी 2011 की जनगणना के आंकड़ों को आधार बनाते हुए ही वार्डों का परिसीमन और सीटों का आरक्षण किया जाएगा।

2. महिलाओं को मिलेगा 33% आरक्षण

इन चुनावों में सभी वर्गों की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था लागू की जाएगी। यह आरक्षण ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत — तीनों स्तरों पर लागू होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और नेतृत्व में लैंगिक संतुलन को मजबूती मिलेगी।

3. चक्रानुक्रम (रोटेशन) आरक्षण प्रणाली होगी लागू

सरकार चक्रानुक्रम आरक्षण व्यवस्था को भी लागू करने जा रही है, जिसके तहत हर चुनाव में आरक्षित सीटें बदलती रहेंगी। इसका मतलब यह है कि हर सीट पर आरक्षण स्थायी नहीं होगा, बल्कि यह घुमावदार तरीके से तय होगा, जिससे सभी वर्गों को समय-समय पर प्रतिनिधित्व का अवसर मिल सके।

4. ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग के गठन की तैयारी

पहली बार पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित सीटों को तय करने के लिए सरकार समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की तैयारी कर रही है। यह आयोग यह तय करेगा कि किन-किन क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण दिया जाए और इसके पीछे उचित सामाजिक और भौगोलिक आधार क्या हों। हालांकि कुछ चर्चा यह भी है कि केंद्र सरकार की प्रस्तावित जातिवार जनगणना के कारण राज्य सरकार आयोग गठन से पीछे भी हट सकती है, क्योंकि अगर नई जनगणना रिपोर्ट आ जाती है, तो आरक्षण व्यवस्था को उसी आधार पर अद्यतन किया जाएगा।

5. नए परिसीमन के बाद शुरू होगा आरक्षण का काम

ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत स्तर पर वार्डों का परिसीमन सबसे पहले किया जाएगा। इसके बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह चरण पंचायत चुनाव की तैयारी का आधार होगा, क्योंकि परिसीमन से ही यह तय होता है कि कौन-सी सीटें किस वर्ग या लिंग के लिए आरक्षित होंगी।

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