गौरी शंकर मंदिर, चांदनी चौक – श्रद्धा और आस्था का संगम
दिल्ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक इलाके में स्थित गौरी शंकर मंदिर अब न सिर्फ एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, बल्कि यहां स्थापित किए गए 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां इसे और भी खास बना देती हैं। इन शिवलिंगों को हूबहू उन स्थानों की शैली में बनाया गया है, जहां ये वास्तविक ज्योतिर्लिंग स्थित हैं।
12 ज्योतिर्लिंग एक ही छत के नीचे
इस मंदिर में जिन ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति स्थापित की गई है, वे हैं: सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), महाकालेश्वर (उज्जैन), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), काशी विश्वनाथ (वाराणसी), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), बैद्यनाथ (झारखंड), नागेश्वर (गुजरात), रामेश्वरम (तमिलनाडु), घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र), इन सभी ज्योतिर्लिंगों को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु एक विशेष व्यवस्था के साथ क्रमवार स्थापित किया गया है, जिससे हर भक्त को एक दिव्य और शांत अनुभव प्राप्त होता है।
मंदिर की स्थापना और उद्देश्य
गौरी शंकर मंदिर परिसर में इन ज्योतिर्लिंगों की स्थापना 27 जुलाई 2024 को की गई थी। मंदिर के पुजारी पंडित सुशील शुक्ला जी के अनुसार, यह कदम उन भक्तों के लिए उठाया गया जो किसी कारणवश देश के विभिन्न कोनों में जाकर ज्योतिर्लिंगों के दर्शन नहीं कर सकते। अब उन्हें एक ही स्थान पर संपूर्ण आस्था की अनुभूति मिलती है।
मंदिर में दर्शन का समय
मंदिर में श्रद्धालु सुबह 4:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और फिर शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। यह समय तय किया गया है ताकि भक्त बिना किसी भीड़भाड़ के शांतिपूर्वक पूजा-अर्चना कर सकें।
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