क्या है यह कैनिस्टर-लॉन्च्ड ड्रोन?
कैनिस्टर-लॉन्च्ड लोइटरिंग UAV एक मीडियम-साइज ड्रोन सिस्टम है, जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे फील्ड में बेहद कम समय में तैनात किया जा सके। इसका नाम ‘कैनिस्टर’ इसलिए पड़ा क्योंकि यह एक खास डिब्बे से लॉन्च होता है, जिससे इसे किसी भी वाहन, युद्धपोत, या जमीन पर मौजूद प्लेटफॉर्म से बड़ी आसानी से चलाया जा सकता है।
दुश्मनों के लिए क्यों है यह घातक?
इस ड्रोन को पुणे की एक देसी रक्षा कंपनी ने विकसित किया है और इसे खास तौर पर भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं जैसे दुर्गम इलाकों में इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है। यह दुश्मन की रडार निगरानी से बचने के लिए कार्बन फाइबर से बना है, जो इसे हल्का, मजबूत और रडार से लगभग अदृश्य बनाता है।
इसमें एडवांस कैमरा और सेंसर लगे हैं, जिससे यह GPS के बिना भी लक्ष्य को ढूंढ सकता है। इसमें 1 से 1.5 किलोग्राम का वॉरहेड लग सकता है, जो इसे आत्मघाती हमले करने में सक्षम बनाता है। निगरानी मिशन के लिए इसे दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे यह एक मल्टी-रोल ड्रोन बन जाता है।
सेना के ट्रायल में शानदार प्रदर्शन
2025 की शुरुआत में भारतीय सेना के साथ हुए फील्ड ट्रायल्स में इस ड्रोन ने शानदार परफॉरमेंस दी। इसने: वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) तकनीक का प्रदर्शन किया, लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता दिखाई, सटीक लक्ष्य भेदन किया, और अलग-अलग प्रकार के मिशनों को सफलता से पूरा किया। सेना के अधिकारियों के अनुसार, यह ड्रोन भविष्य में भारत की अग्रिम पंक्ति की सैन्य रणनीतियों में बेहद अहम भूमिका निभाएगा।
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