राज्य शिक्षा विभाग के उप सचिव अमित कुमार पुष्पक द्वारा मंगलवार को इस संबंध में संकल्प जारी किया गया। इस फैसले से राज्य भर के लगभग 7,000 रात्रि प्रहरियों को सीधा लाभ मिलेगा, जो लंबे समय से अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे।
2018 में हुआ था पिछली बार संशोधन
गौरतलब है कि रात्रि प्रहरियों का मानदेय आखिरी बार 2018 में बढ़ाया गया था, जब इसे 3,500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया था। उसके बाद महंगाई और बढ़ते दायित्वों को देखते हुए यह मांग लगातार उठ रही थी कि रात्रि प्रहरियों को उनके कार्य के अनुरूप उचित पारिश्रमिक दिया जाए।
रात्रि प्रहरियों की जिम्मेदारियां
विद्यालयों में रात्रि प्रहरियों की भूमिका केवल भवन की रखवाली तक सीमित नहीं है। ये प्रहरी प्रयोगशालाओं के महंगे उपकरण, कंप्यूटर, टीवी, पुस्तकें, क्रीड़ा सामग्री और अन्य संसाधनों की सुरक्षा के लिए दिन-रात तैनात रहते हैं। ऐसे में उनका काम अत्यंत जिम्मेदारी भरा होता है।
सराहनीय कदम
सरकार का यह निर्णय न केवल रात्रि प्रहरियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। इससे उनके मनोबल में वृद्धि होगी और वे अधिक निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगे।
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