नई व्यवस्था का ढांचा
इस समिति की अध्यक्षता संबंधित जिले के जिलाधिकारी करेंगे, जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त समिति में उप विकास आयुक्त, अपर जिला दंडाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), तथा एससी/एसटी, महिला और अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित वरीय अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। यह संरचना यह सुनिश्चित करती है कि तबादला प्रक्रिया में सभी वर्गों की सहभागिता हो और किसी प्रकार का भेदभाव न हो।
नई समिति की भूमिका
नई गठित 8 सदस्यीय समिति ऐसे ही मुद्दों को सुलझाने का कार्य करेगी। समिति का उद्देश्य केवल ट्रांसफर की प्रक्रिया को लागू करना नहीं, बल्कि उससे जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना भी है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षकों को उनके गृह जिले या पसंदीदा स्थान पर तैनाती मिल सके, जिससे उनकी कार्य संतुष्टि बढ़े और शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े।
म्यूचुअल ट्रांसफर का वर्तमान परिदृश्य
शिक्षा विभाग ने अब तक तीन चरणों में 23,578 शिक्षकों का पारस्परिक (म्यूचुअल) ट्रांसफर किया है। हाल ही में 6,336 शिक्षकों को इस योजना के तहत नई जगह पर तैनाती दी गई है। हालांकि, यह व्यवस्था पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो पा रही है क्योंकि अधिकांश मामलों में शिक्षकों को उपयुक्त जोड़ीदार नहीं मिल पा रहा है। इस कारण वे म्यूचुअल ट्रांसफर की सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
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