भारत की ये मिसाइल हो रही अपग्रेड, रेंज 800 किमी

नई दिल्ली। भारत की रक्षा तैयारियों में एक नया मील का पत्थर जुड़ने जा रहा है। ब्रह्मोस-A, जिसे भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई Su-30MKI से लॉन्च किया जाता है, अब और भी घातक और दूर-संभावित बनने को तैयार है। इसकी मारक क्षमता को 450 किलोमीटर से बढ़ाकर 800 किलोमीटर तक ले जाने की योजना लगभग अंतिम चरण में है। यह अपग्रेड भारत की रणनीतिक क्षमता को एक नई ऊँचाई देगा, जिससे वायुसेना की स्टेंडऑफ स्ट्राइक पावर पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली हो जाएगी।

क्या है ब्रह्मोस-A?

ब्रह्मोस-A भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित की गई एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसका “A” संस्करण खासतौर पर एयर-लॉन्च के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यह सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों से दागी जा सकती है। इसकी विशेषता यह है कि यह सुपरसोनिक गति (Mach 2.8 से अधिक) से लक्ष्य को भेद सकती है, जिससे दुश्मन के पास प्रतिक्रिया का समय बेहद सीमित होता है।

रेंज बढ़ी तो क्या बदलेगा?

अब तक ब्रह्मोस-A की अधिकतम रेंज 450 किमी थी। लेकिन हाल ही में DRDO और भारतीय वायुसेना के बीच हुई विस्तृत समीक्षा और परीक्षण के बाद इसे 800 किमी तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसका सीधा लाभ यह होगा कि: भारतीय वायुसेना दुश्मन की सीमा में प्रवेश किए बिना ही उसके गहरे सामरिक ठिकानों को निशाना बना सकेगी। एयरबेस, मिसाइल लॉन्चर, रडार स्टेशन, और कमांड सेंटर्स जैसे हाई-वैल्यू टार्गेट्स को बर्बाद कर सकती हैं। ये मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम की पकड़ से बाहर रहते हुए भारत सर्जिकल और रणनीतिक स्ट्राइक कर सकेगा।

यह अपग्रेड कैसे मुमकिन हुआ?

इस बढ़ी हुई रेंज के पीछे अत्याधुनिक भारतीय रक्षा तकनीक है। इसके लिए नई प्रकार की उच्च-ऊर्जा-घनता वाली फ्यूल टेक्नोलॉजी विकसित की गई है, जिससे मिसाइल ज्यादा दूरी तक उड़ान भर सकेगी। रैमजेट इंजन को इस तरह अनुकूलित किया गया है कि वह कम ईंधन खपत के साथ अधिक दूरी तय कर सके। मिसाइल की संरचना में बिना किसी बड़े बदलाव के यह अपग्रेड संभव हुआ है, जो इसे कम समय में बड़े पैमाने पर लागू करने में सहायक साबित होगा।

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