योजना की शुरुआत और क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलाई महीने में इस योजना की घोषणा की थी, जिसे राज्य कैबिनेट ने भी तेजी से पारित कर दिया। योजना के तहत जुलाई से ही उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया। राज्य भर में पहली बार करीब 60 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आया है, जो योजना की सफलता को दर्शाता है। ऊर्जा विभाग के अनुसार यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा, क्योंकि बाकी उपभोक्ताओं के बिल जारी होने बाकी हैं।
करोड़ों उपभोक्ता होंगे लाभान्वित
राज्य के ऊर्जा मंत्री और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि बिहार के 1.87 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं में से लगभग 1.67 करोड़ परिवारों का मासिक उपभोग 125 यूनिट से कम है, जिससे उनके बिजली बिल पूरी तरह माफ हो जाएंगे। यह योजना सीधे तौर पर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के आर्थिक बोझ को कम करने का काम कर रही है।
सरकार इस योजना पर सालाना करीब 20,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च कर रही है। एक उपभोक्ता पर औसतन 1,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जो राज्य सरकार की सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बड़ी पहल मानी जा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक असर
यह योजना न केवल सामाजिक कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि चुनावी वर्ष में यह राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो जाती है। जहां विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है, वहीं जनता के बीच इसका असर सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है। पहले से ही कई परिवारों को राहत मिलना शुरू हो चुकी है, जिससे सरकार के प्रति भरोसा भी बढ़ा है।
0 comments:
Post a Comment