संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी अस्थायी कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर की सुबह सभा को संबोधित करेंगे। उसी दिन इजरायल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नेता भी अपनी बात रखेंगे, जिससे दिन की गहमागहमी और अधिक बढ़ने की संभावना है। भारत का संबोधन वैश्विक मंच पर न केवल दक्षिण एशिया की स्थिति को स्पष्ट करेगा, बल्कि एक उभरती वैश्विक शक्ति के तौर पर भारत की भूमिका को भी रेखांकित करेगा।
वहीं, अमेरिका के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप की पहली UNGA में मौजूदगी होगी। ट्रंप 23 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे। चूँकि यह ट्रंप का राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल है, इस लिहाज़ से उनका संबोधन और उपस्थिति राजनीतिक दृष्टि से काफी मायने रखती है।
क्या होगी मोदी-ट्रंप मुलाकात?
हालाँकि अभी तक आधिकारिक रूप से किसी द्विपक्षीय बैठक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अनौपचारिक मुलाकात या मीटिंग संभव हो सकती है। दोनों नेताओं की पहले भी करीबी कैमिस्ट्री देखी गई है, विशेषकर “Howdy Modi” (ह्यूस्टन, 2019) और “Namaste Trump” (अहमदाबाद, 2020) जैसे आयोजनों में।
अगर यह मुलाकात होती है, तो यह अमेरिका-भारत संबंधों की दिशा और गहराई को लेकर कई संकेत दे सकती है। विशेषकर ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति में ब्लॉक बनते-बिखरते दिख रहे हैं और हाल में ट्रंप के ट्रैफिक वार से भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ रहा हैं।
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