बिहार में सभी 'शिक्षकों' को मिलेगी ई-सर्विस बुक

पटना। बिहार सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के सभी शिक्षकों और विद्यालय कर्मचारियों को ई-सर्विस बुक की सुविधा देने का फैसला किया है। यह निर्णय न केवल एक प्रशासनिक सुधार है, बल्कि डिजिटल युग में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।

क्या है ई-सर्विस बुक?

ई-सर्विस बुक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसमें किसी कर्मचारी की संपूर्ण सेवा जानकारी ऑनलाइन संग्रहीत होती है। इसमें नियुक्ति की तिथि, वेतन निर्धारण, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अवकाश, विभागीय कार्रवाई, शैक्षणिक योग्यताएं और पुरस्कार जैसी सभी जानकारियाँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होती हैं। अब यह सुविधा राज्य के पाँच लाख से अधिक शिक्षकों और विद्यालय कर्मचारियों को प्रदान की जा रही है।

किसे मिलेगा इसका लाभ?

यह सुविधा न केवल शिक्षकों को मिलेगी, बल्कि प्रधानाध्यापक, पुस्तकालयाध्यक्ष और अन्य गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों को भी इसके दायरे में शामिल किया गया है। इसके अलावा, विशेष प्रशिक्षण प्राप्त एवं दक्षता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों का भी बायोमेट्रिक और आधार-आधारित सत्यापन किया जाएगा।

क्यों है यह पहल जरूरी?

अब तक अधिकांश सरकारी विद्यालयों में कर्मचारियों की सेवा संबंधी जानकारियाँ मैनुअल रजिस्टर या फाइलों में संग्रहित होती थीं, जिससे जानकारी प्राप्त करना कठिन होता था और धोखाधड़ी की संभावनाएँ भी बनी रहती थीं। ई-सर्विस बुक के माध्यम से ये सभी रिकार्ड ऑनलाइन होंगे, जिससे किसी भी स्तर पर पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी भी अनियमितता की संभावना कम होगी।

चरणबद्ध तरीके से होगा कार्य

इस कार्य को जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। पहले शिक्षकों की जानकारी संग्रहित की जाएगी, फिर बायोमेट्रिक डेटा का सत्यापन होगा और अंत में ये सभी सूचनाएं ई-सर्विस बुक में दर्ज की जाएंगी।

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