यूपी में 'पोल्‍ट्री फार्म' खोलने को लेकर बड़ा अपडेट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई कुक्कुट विकास नीति राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना के तहत पोल्ट्री फार्म को एक लघु उद्योग के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ रोजगार के नए द्वार खुलेंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

क्या है योजना का उद्देश्य?

इस योजना का मूल उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित करना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसान, छोटे उद्यमी और बेरोजगार युवा पोल्ट्री फार्मिंग के जरिए आय का स्थायी स्रोत बना सकें।

योजना की मुख्य विशेषताएं

1. बिजली बिल से राहत: पोल्ट्री फार्म स्थापित करने वालों को अगले 10 वर्षों तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। यह प्रोत्साहन फार्म के संचालन की लागत को काफी हद तक कम कर देगा।

2. स्टांप शुल्क में 100% छूट: फार्म लगाने के लिए जमीन खरीदने या लीज पर लेने पर स्टांप शुल्क पूरी तरह माफ कर दिया गया है, जिससे निवेश की शुरुआती लागत और कम हो जाएगी।

3. लोन पर ब्याज में सब्सिडी: यदि कोई लाभार्थी बैंक से लोन लेता है तो सरकार उसे 7% ब्याज सब्सिडी देगी। बैंक कुल 12% ब्याज लेगा, लेकिन इस सब्सिडी के बाद लाभार्थी को केवल 5% ब्याज ही देना होगा। यह प्रावधान लोन चुकाने के दबाव को काफी हद तक कम करेगा।

4. तीन स्तर की कैटेगरी: योजना में तीन प्रकार की पोल्ट्री फार्म इकाइयों की व्यवस्था की गई है: पहली कैटेगरी: 10,000 अंडा प्रतिदिन उत्पादन – 1 एकड़ जमीन, लागत लगभग 1 करोड़, दूसरी कैटेगरी: 30,000 अंडा प्रतिदिन उत्पादन – 2.5 एकड़ जमीन, लागत लगभग 2.5 करोड़, तीसरी कैटेगरी: 60,000 अंडा प्रतिदिन उत्पादन – 5 एकड़ जमीन, लागत लगभग 5 करोड़

5. स्थान की अनिवार्यता: पोल्ट्री फार्म आबादी से कम से कम 1 किलोमीटर की दूरी पर होना चाहिए। यह प्रावधान स्वास्थ्य और स्वच्छता को ध्यान में रखकर किया गया है ताकि शोर, दुर्गंध और प्रदूषण से स्थानीय निवासी प्रभावित न हों।

कैसे करें आवेदन?

योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति को "निवेश मित्र पोर्टल" पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यहां पर सभी दस्तावेजों के साथ प्रक्रिया का पालन करके आवेदन को पूरा किया जा सकता है।

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