परंपरागत से आधुनिक की ओर
गुड़ उत्पादन बिहार के कई हिस्सों में वर्षों से होता आया है, लेकिन संसाधनों की कमी, तकनीकी पिछड़ापन और वित्तीय सहयोग के अभाव में यह उद्योग बड़े स्तर पर नहीं पहुंच पाया। सरकार अब इसे संगठित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का प्रयास कर रही है। योजना का मकसद न सिर्फ गुड़ इकाइयों की संख्या बढ़ाना है, बल्कि उन्हें आधुनिक उपकरणों से लैस करना भी है।
कितना मिलेगा अनुदान?
इस योजना में गुड़ इकाई की दैनिक पेराई क्षमता के आधार पर पूंजी लागत का 50% तक अनुदान दिया जाएगा: 5–20 टन/दिन: अधिकतम ₹6 लाख, 21–40 टन/दिन: अधिकतम ₹15 लाख, 41–60 टन/दिन: अधिकतम ₹45 लाख, 60 टन/दिन से अधिक: अधिकतम ₹1 करोड़। यह प्रावधान नए निवेशकों के लिए है जो गुड़ इकाई की स्थापना या मौजूदा इकाइयों को आधुनिक बनाने में रुचि रखते हैं।
कैसे करें आवेदन?
इच्छुक निवेशक ccs.bihar.gov.in पोर्टल पर जाकर 25 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी सभी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है। साथ ही, इच्छुक आवेदकों को सलाह दी गई है कि वे अपने जिले के गन्ना पदाधिकारी से संपर्क करें, जिससे उन्हें तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी सहायता मिल सके।
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण
योजना का एक अहम हिस्सा किसानों को प्रशिक्षित करना भी है। सरकार ने घोषणा की है कि 50-50 किसानों के समूहों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे गुड़ निर्माण की आधुनिक तकनीक और बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार कर सकें।
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