बिहार में 66 शिक्षकों पर गिरी गाज, मचा हड़कंप

न्यूज डेस्क। बिहार के वैशाली जिले में हुए औचक निरीक्षण ने शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) रविंद्र कुमार द्वारा महुआ अनुमंडल के चेहराकलां प्रखंड के पांच विद्यालयों में अचानक जांच की गई, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस निरीक्षण के परिणामस्वरूप 66 शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

बच्चों की अनुपस्थिति बनी चिंता का विषय

निरीक्षण के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा बच्चों की अनुपस्थिति रही। विशेष रूप से बीएन उच्च माध्यमिक विद्यालय, सेहान में जहां कुल 1819 छात्रों का नामांकन है, वहां मात्र 14 छात्र उपस्थित पाए गए। यह स्थिति तब देखी गई जब स्कूल का समय अभी समाप्त नहीं हुआ था। इसी प्रकार, मध्य विद्यालय सेहान और एनपीएस मोहम्मदपुर गंगटी में भी छात्र पूरी तरह अनुपस्थित थे, जिससे साफ जाहिर होता है कि या तो बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही, या फिर शिक्षण व्यवस्था से उनका विश्वास पूरी तरह उठ चुका है।

समय से पहले छुट्टी और शैक्षणिक उदासीनता

जांच में यह भी सामने आया कि कई विद्यालयों में नियमित रूप से स्कूल की छुट्टी दोपहर 3 बजे से पहले कर दी जाती है, जो विभागीय निर्देशों का उल्लंघन है। स्कूलों में पढ़ाई को लेकर गंभीरता का अभाव स्पष्ट दिखा, जहां शिक्षकों द्वारा न पाठ योजना तैयार की गई थी, न ही मदवार पंजी (विषयवार रजिस्टर) का संधारण किया गया था। कई शिक्षकों को तो पाठ्यक्रम की जानकारी तक नहीं थी, जो उनके प्रशिक्षण और नियोजन पर सवाल खड़ा करता है।

कार्रवाई - 66 शिक्षकों का वेतन कटौती

शिक्षा विभाग ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। निरीक्षण के आधार पर कुल 66 शिक्षकों के खिलाफ वेतन कटौती का आदेश जारी किया गया है। 57 शिक्षकों का 7 दिनों का वेतन काटने का निर्देश दिया गया, वहीं, 9 शिक्षकों का 3 दिनों का वेतन काटा जाएगा। इनमें से बीएन उच्च विद्यालय सेहान के 20 शिक्षक, मध्य विद्यालय सेहान के 11 शिक्षक, और एनपीएस मोहम्मदपुर गंगटी के 6 शिक्षक शामिल हैं, जिनका प्रदर्शन निराशाजनक पाया गया।

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