क्या होगा सैलरी तय करने का फॉर्मूला?
जानकारी के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में 7वें वेतन आयोग की ही पे-मेट्रिक्स प्रणाली को जारी रखा जा सकता है। यह प्रणाली काफी सरल मानी जाती है और इसे पहले भी कर्मचारियों और सरकार दोनों के लिए कारगर माना गया था। हालांकि, इस बार इसमें एक बड़ा बदलाव फिटमेंट फैक्टर को लेकर हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर में हो सकता है बदलाव
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जबकि इस बार चर्चा है कि इसे 1.92 के आसपास रखा जा सकता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मूल वेतन में अच्छी-खासी वृद्धि देखने को मिलेगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान न्यूनतम वेतन ₹18,000 हैं और संभावित नया फिटमेंट फैक्टर 1.92 लागू होता हैं तो नया न्यूनतम वेतन ₹18,000 × 1.92 = ₹34,560 हो जायेगा। इस तरह केवल बेसिक पे में ही ₹16,560 की वृद्धि संभव है। इसके अलावा DA, HRA और अन्य भत्ते इस नए बेसिक पर जुड़ेंगे, जिससे कुल सैलरी और अधिक हो जाएगी।
कब से मिल सकता है 8वें वेतन आयोग का लाभ?
हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि 2025 के अंत तक नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो 1 जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है और बकाया एरियर भी कर्मचारियों को मिल सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण संभावित बदलाव
पे लेवल्स में मर्जिंग: 7वें वेतन आयोग में कुल 18 पे लेवल्स थे। इस बार संभावना है कि कुछ लेवल्स को मर्ज कर दिया जाए, जिससे पदोन्नति का इंतजार कम होगा और वेतन ढांचा और भी सरल हो जाएगा।
दुर्घटना बीमा में बढ़ोतरी: यह भी चर्चा का विषय है कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मिलने वाले दुर्घटना बीमा की राशि को भी बढ़ाया जा सकता है।
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