घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 6:09 बजे से 8:06 बजे तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त 11:49 से 12:38 तक मान्य होगा।
माँ दुर्गा का आगमन और गमन
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माँ दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही है, जो विश्व के लिए सुख-समृद्धि और उत्तम वर्षा का संकेत माना जाता है। हालांकि, इस बार विजयदशमी के दिन माँ का गमन डोली पर होगा, जिसे मानवता के लिए चेतावनी और संभावित प्राकृतिक या सामाजिक परिवर्तन का द्योतक समझा जाता है।
1. 22 सितंबर (सोमवार): माँ शैलपुत्री
माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं। यह स्वरूप स्थिरता और धैर्य का प्रतीक है।
2. 23 सितंबर (मंगलवार): माँ ब्रह्मचारिणी
यह देवी तप, संयम और साधना का प्रतीक हैं। इनके पूजन से आत्मबल और संयम की प्राप्ति होती है।
3. 24 सितंबर (बुधवार): माँ चंद्रघंटा
शांति और शक्ति का संगम मानी जाने वाली देवी, जो युद्ध और साहस का प्रतीक हैं। इनके माथे पर अर्धचंद्र घंटा रूप में स्थित होता है।
4. 25 सितंबर (गुरुवार): माँ कूष्मांडा
ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री माँ, जिन्होंने अपनी मंद मुस्कान से सृष्टि की रचना की। यह स्वरूप ऊर्जा और सृजन का प्रतीक है।
5. 26 सितंबर (शुक्रवार): माँ स्कंदमाता
देवसेनापति कार्तिकेय की माता, जो ज्ञान, मातृत्व और वात्सल्य की देवी मानी जाती हैं।
6. 27 सितंबर (शनिवार): माँ कात्यायनी
शक्ति, विजय और निर्भयता की प्रतीक यह देवी असुरों का नाश करने वाली स्वरूप में पूजी जाती हैं।
7. 28 सितंबर (रविवार): माँ कालरात्रि
यह रौद्र रूपिणी देवी तमोगुण का नाश करती हैं और भक्तों को भयमुक्त करती हैं। इन्हें ‘रात्रि की देवी’ भी कहा जाता है।
8. 29 सितंबर (सोमवार): माँ महागौरी
उज्ज्वलता, करुणा और सौंदर्य की प्रतीक देवी, जो पापों का नाश कर जीवन में शांति लाती हैं।
9. 30 सितंबर (मंगलवार); माँ सिद्धिदात्री
सिद्धियों और चमत्कारों की प्रदात्री देवी, जो अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ और परिपूर्णता प्रदान करती हैं।
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