पुल की विशेषताएं और लागत
यह पुल कुल 2280 मीटर लंबा और 15.55 मीटर चौड़ा होगा, जिसमें तीन लेन की सुविधा होगी। इसके अलावा, पुल से जुड़ा पहुंच पथ लगभग 2200 मीटर लंबा होगा। इस पूरी परियोजना पर अनुमानित 589 करोड़ 4 लाख 78 हजार रुपये खर्च होंगे। इतना बड़ा निवेश यह दर्शाता है कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर गंभीर है।
समय और ईंधन की होगी बचत
वर्तमान में पारू से सारण जिले के तरैया प्रखंड तक पहुंचने के लिए लोगों को रेवा घाट पुल के रास्ते करीब 49 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। नए पुल के निर्माण से यह दूरी मात्र 10 किलोमीटर रह जाएगी। यानी लोगों को लगभग 39 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर नहीं करना पड़ेगा। इससे न केवल आम जनता का समय बचेगा, बल्कि ईंधन की खपत भी घटेगी, जिससे आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
क्षेत्रीय जुड़ाव और व्यापारिक लाभ
इस पुल के माध्यम से मुजफ्फरपुर के पारू और सरैया प्रखंड सीधे सारण जिले के तरैया प्रखंड से जुड़ जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप सिवान और सारण जैसे ज़िलों तक पहुँचना कहीं अधिक आसान हो जाएगा। इससे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी, क्योंकि परिवहन आसान होगा और सामान की ढुलाई में समय की बचत होगी।
कृषि और ग्रामीण विकास को मिलेगा बल
किसानों के लिए यह पुल विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा। उनके उत्पाद अब जल्दी और सरलता से बाजारों तक पहुंच सकेंगे। परिवहन की सुगमता से कृषि उत्पादों की ताजगी बनी रहेगी और बेहतर दाम मिलने की संभावना भी बढ़ेगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और व्यावसायिक अवसर भी बढ़ेंगे।
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