केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खबर, तुरंत पढ़ें!

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बेहद अहम खबर सामने आ रही है। सरकार अब उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली में एक बड़ा और संभावित तौर पर पीढ़ीगत बदलाव लाने की तैयारी में है। 70 वर्षों से चला आ रहा CGHS (Central Government Health Scheme) अब एक नए और आधुनिक स्वरूप में तब्दील हो सकता है। सरकार इसे एक बीमा आधारित प्रणाली में बदलने पर विचार कर रही है, जिसका संभावित नाम CGEPHIS (Central Government Employees and Pensioners Health Insurance Scheme) हो सकता है।

CGHS: एक ऐतिहासिक भरोसा

वर्ष 1954 में शुरू की गई CGHS योजना सिर्फ एक स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में मानी जाती रही है। लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इसे एक भरोसे की तरह देखते हैं। यह योजना विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रही है, जिनके पास निजी स्वास्थ्य बीमा का विकल्प नहीं होता।

क्यों किया जा रहा है बदलाव?

तेजी से बदलते स्वास्थ्य परिदृश्य और बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए, सरकार अब ऐसी योजना लाने पर विचार कर रही है जो ज्यादा लचीली, तकनीकी रूप से उन्नत और व्यापक कवरेज प्रदान कर सके। एक बीमा आधारित मॉडल निजी क्षेत्र की तरह ज्यादा डायनेमिक और यूजर-फ्रेंडली हो सकता है।

क्या होगी CGEPHIS की विशेषता?

संभावित नई योजना CGEPHIS में कई आधुनिक सुविधाएं हो सकती हैं, जैसे: कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा देश भर के निजी और सरकारी अस्पतालों में, डिजिटल हेल्थ कार्ड जो हर कर्मचारी की हेल्थ हिस्ट्री को सुरक्षित और पोर्टेबल बनाएगा, ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट और ट्रैकिंग सिस्टम, रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए विशेष कवरेज विकल्प, पूरे परिवार को कवर करने वाले फ्लेक्सिबल प्लान्स। 

8वां वेतन आयोग और हेल्थ सिस्टम का भविष्य

8वें वेतन आयोग की चर्चा इस बार केवल सैलरी स्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है। इसका असर कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली पर भी दिख सकता है। यदि CGHS की जगह CGEPHIS लागू होती है, तो यह न सिर्फ सुविधाओं को बढ़ा सकता है, बल्कि सरकार की ओर से कर्मचारियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा की परिभाषा भी बदल सकती है।

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