अभियान का मूल उद्देश्य
इस अभियान के तहत बिना हेलमेट के कोई भी दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं भरवा सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे किसी पर दंडात्मक कार्रवाई के बजाय एक जनहितकारी प्रयास बताया है। उनका स्पष्ट संदेश है, "पहले हेलमेट, फिर फ्यूल"। यह नियम लोगों की जान की रक्षा करने के मकसद से लाया गया है, न कि उन्हें परेशान करने के लिए।
सीएम ने की जनता से अपील
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सड़क पर चलना सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है, जिसमें हर नागरिक को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।
जिला स्तर पर निगरानी व्यवस्था
इस अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हर जिले में सड़क सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया गया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनने वाली इन समितियों के माध्यम से पुलिस, परिवहन विभाग, प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारी समन्वय बनाकर कार्य करेंगे। पेट्रोल पंपों पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं ताकि कोई भी नियम का उल्लंघन न कर सके। पंप संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे बिना हेलमेट पहने किसी भी ग्राहक को फ्यूल न दें।
परिवहन विभाग की भूमिका
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि यह अभियान राज्य सरकार का एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण है जो नागरिकों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है। उनका मानना है कि यदि लोग नियमित रूप से हेलमेट पहनने लगें, तो सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और गंभीर चोटों में अहम कमी लाई जा सकती है।
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