1. राफेल: फ्रांसीसी ताक़त का भारतीय संस्करण
राफेल, फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित, एक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। भारत ने 36 राफेल जेट का सौदा 2016 में किया, जिनमें से सभी अब भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुके हैं।
मुख्य विशेषताएं:
स्कैल्प और मीटियॉर जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें। हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर हमला करने की क्षमता। अत्याधुनिक रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम। किसी भी मौसम में ऑपरेशन की क्षमता। राफेल ने भारतीय वायुसेना को "बियॉन्ड विजुअल रेंज" युद्ध क्षमता प्रदान की है।
2. सुखोई-30 एमकेआई: भारतीय आकाश का रूसी बाज
सुखोई-30 एमकेआई, रूस और भारत की संयुक्त परियोजना है। यह एक ट्विन-सीटर, ट्विन-इंजन, मल्टीरोल फाइटर जेट है जिसे HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) भारत में ही तैयार कर रहा है। यह वायुसेना का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला फाइटर जेट है।
मुख्य विशेषताएं:
लंबी दूरी तक उड़ान भरने और लगातार युद्ध करने की क्षमता, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल से लैस, 360 डिग्री थ्रस्ट वेक्टरिंग, जिससे यह बेहद फुर्तीला बनता है, दुश्मन के रडार को चकमा देने वाली तकनीक। भारतीय जरूरतों के अनुसार सुखोई में लगातार अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे यह आने वाले वर्षों में भी पूरी तरह प्रासंगिक रहेगा।
3. तेजस मार्क-1ए: भारत की स्वदेशी उड़ान
तेजस भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है, जिसे ADA (एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट एजेंसी) और HAL ने मिलकर बनाया है। तेजस मार्क-1ए इसका उन्नत संस्करण है, जिसे हाल ही में वायुसेना में शामिल किया जा रहा है।
मुख्य विशेषताएं:
पूरी तरह से डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम, AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और मिसाइल वार्निंग सिस्टम, हल्का, तेज़ और सटीक हमला करने की क्षमता, भारत में निर्मित, आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक, वायुसेना ने 83 तेजस मार्क-1ए जेट का ऑर्डर HAL को दिया है। यह विमान भविष्य में मिग-21 जैसे पुराने जेट्स की जगह लेगा।
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