8वां वेतन आयोग Vs 7वां वेतन आयोग: क्या होंगे नए फायदे?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में समय-समय पर वेतन आयोग गठित किए जाते हैं। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हैं। अब जबकि इसका 10 वर्षीय कार्यकाल समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, तो 8वें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस आयोग के गठन को 2025 में मंजूरी दे दी है और जनवरी 2026 से इसके लागू होने की संभावना है। आइए जानते हैं दोनों वेतन आयोगों के बीच मुख्य अंतर और कर्मचारियों को मिलने वाले संभावित लाभ:

7वें और 8वें वेतन आयोग में मुख्य अंतर (तालिका रूप में)

1 .न्यूनतम वेतन:

7वां वेतन आयोग – ₹18,000 प्रति माह

8वां वेतन आयोग – ₹41,000 से ₹51,480 प्रति माह (संभावित)

2 .अधिकतम वेतन:

7वां वेतन आयोग – ₹2.25 लाख (कैबिनेट सचिव के लिए ₹2.5 लाख)

8वां वेतन आयोग – ₹3 लाख या उससे अधिक (अनुमानित)

3 .फिटमेंट फैक्टर:

7वां वेतन आयोग – 2.57 से 2.81

8वां वेतन आयोग – 3.00 से 3.68 (संभावित)

4 .पेंशन वृद्धि:

7वां वेतन आयोग – लगभग 23.66%

8वां वेतन आयोग – लगभग 30% या अधिक

5 .न्यूनतम पेंशन:

7वां वेतन आयोग – ₹9,000 प्रति माह

8वां वेतन आयोग – ₹12,000 से ₹15,000 प्रति माह (संभावित)

6 .महंगाई भत्ता (DA):

7वां वेतन आयोग – 50% के बाद समायोजन होता है

8वां वेतन आयोग – जनवरी 2026 तक 70% तक पहुंचने की संभावना

7 .HRA वृद्धि:

7वां वेतन आयोग – 24% (DA 50% पर 27%)

8वां वेतन आयोग – संशोधित होकर 30% या अधिक हो सकता है

8 .ग्रेच्युटी सीमा:

7वां वेतन आयोग – ₹20 लाख (DA 50% पर 25% वृद्धि की सिफारिश)

8वां वेतन आयोग – वृद्धि की संभावना, अभी तय नहीं। 

कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए क्या होंगे फायदे?

1 .महंगाई से राहत: जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए वेतन में बड़ा उछाल फायदेमंद साबित होगा।

2 .पेंशनभोगियों को राहत: पेंशन में भी संभावित 30% वृद्धि से रिटायर्ड कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।

3 .मूल वेतन में वृद्धि का असर: इसके कारण HRA, TA और अन्य भत्तों की गणना भी बढ़े हुए मूल वेतन पर होगी।

4 .नौकरी की आकर्षण: सरकारी नौकरियां अधिक आकर्षक बनेंगी जिससे युवा वर्ग में सरकारी क्षेत्र की ओर झुकाव बढ़ेगा।

0 comments:

Post a Comment