यूपी में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देगा सरकारी स्कूल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और सर्वसुलभ बनाने के लिए एक अत्यंत महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की है — मुख्यमंत्री कंपोजिट मॉडल स्कूल योजना। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूल जैसी आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुफ्त में उपलब्ध कराना है। सरकार की इस योजना से न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को आर्थिक राहत भी मिलेगी।

क्या है मुख्यमंत्री कंपोजिट मॉडल स्कूल योजना?

इस योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सरकारी स्कूल स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें "सीएम कंपोजिट स्कूल" कहा जाएगा। इन स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई एक ही परिसर में कराई जाएगी। इन स्कूलों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे किसी भी नामी प्राइवेट स्कूल को सीधी टक्कर दे सकें।

किन जिलों में बनेंगे ये स्कूल?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, आगरा, गोरखपुर, कानपुर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, बस्ती, मिर्जापुर, बांदा, गोंडा सहित कई जिलों में ये स्कूल बनाए जाएंगे। मेरठ के सरूरपुर ब्लॉक में कक्केपुर इलाके में तो स्कूल के लिए ज़मीन भी चिन्हित की जा चुकी है।

कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी इन स्कूलों में?

सीएम कंपोजिट स्कूलों को 21वीं सदी की शिक्षा जरूरतों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। इन स्कूलों में निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं उपलब्ध होंगी:

1 .आधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला – विज्ञान विषय की प्रायोगिक शिक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता की लैब।

2 .डिजिटल लाइब्रेरी – विद्यार्थियों को डिजिटल माध्यम से अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

3 .स्मार्ट क्लास रूम – तकनीकी के माध्यम से इंटरैक्टिव और रोचक पढ़ाई।

4 .खेल के मैदान – बच्चों के शारीरिक विकास के लिए खेलों को विशेष महत्व।

5 .कला, विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई – हाईस्कूल के बाद छात्र अपनी रुचि के अनुसार स्ट्रीम चुन सकेंगे।

6 .प्रशिक्षित शिक्षक – हर विषय के लिए विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।

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