यूपी में मकान में दुकान चलाने को लेकर नया कानून

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी विकास को सुव्यवस्थित करने और अतिक्रमण को रोकने के उद्देश्य से भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के तहत एक नया कानून लागू किया है। इस नियम का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो अपने घरों में दुकान या दफ्तर चलाना चाहते हैं। इसको लेकर सरकार के द्वारा निर्देश दिए गए हैं।

क्या है नया नियम?

अब यदि आप आवासीय मकान में दुकान या ऑफिस खोलना चाहते हैं, तो वह भूखंड कम से कम 18 मीटर चौड़ी सड़क पर होना चाहिए। हालांकि, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए यह सड़क की चौड़ाई बढ़कर 24 मीटर कर दी गई है। इसका मतलब है कि छोटे शहरों और बड़े शहरों के लिए नियम अलग-अलग होंगे।

कितना हिस्सा कर सकेंगे व्यावसायिक?

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पूरे भूखंड को व्यावसायिक रूप में नहीं बदला जा सकता। केवल 49% हिस्सा ही दुकान, ऑफिस या अन्य व्यावसायिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। बाकी 51% हिस्सा अनिवार्य रूप से आवासीय रहना होगा।  अगर कोई व्यक्ति दुकान के साथ ऑफिस भी खोलना चाहता है, तो उसे यह संतुलन और भी सटीक बनाना होगा: दुकान – 33%, ऑफिस – 33%, घरेलू उपयोग – न्यूनतम 34%

क्या है ‘मिश्रित उपयोग’ की अनुमति?

पहली बार राज्य सरकार ने मिश्रित उपयोग (Mixed Use) को औपचारिक रूप से मंजूरी दी है। इसका मतलब है कि अब घर और व्यापार एक ही भवन में हो सकते हैं, लेकिन तय नियमों और प्रतिशत के अनुसार। इस नए कानून में भवन की ऊंचाई पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं रखा गया है, लेकिन यह एफएआर (Floor Area Ratio) के अनुसार तय होगी। साथ ही, दुकान या ऑफिस के अनुसार पार्किंग की व्यवस्था करना भी जरूरी होगा।

न्यूनतम भूखंड आकार की कोई सीमा नहीं

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि मिश्रित उपयोग के लिए भूखंड के न्यूनतम आकार पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन उसमें व्यावसायिक गतिविधि की सीमा तय है। इसका फायदा छोटे भूखंड मालिकों को मिल सकता है, लेकिन नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई भी तय है।

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