हाइपरसोनिक मिसाइलें ऐसी तकनीक से लैस होती हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति (Mach 5+) से उड़ सकती हैं। ये मिसाइलें पारंपरिक रडार सिस्टम और मिसाइल डिफेंस को चकमा देने में सक्षम मानी जाती हैं। रूस का दावा है कि उसके पास "एवांगार्ड", "किंझाल" और "जिरकॉन" जैसी मिसाइलें हैं, जो न केवल तीव्र गति से हमला कर सकती हैं, बल्कि दुश्मन की सुरक्षा प्रणाली को भेदने की क्षमता भी रखती हैं।
नाटो में बढ़ी बेचैनी
नाटो के सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की ये तकनीकी छलांग एक "गेम चेंजर" साबित हो सकती है। अमेरिका और यूरोपीय देश अब अपने रक्षा तंत्र को फिर से मजबूत करने की दिशा में सोचने को मजबूर हो गए हैं। रक्षा विश्लेषकों के मुताबिक, रूस की हाइपरसोनिक तकनीक से पार पाना मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए लगभग असंभव है।
कितनी ताकतवर हैं रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलें?
1. एवांगार्ड (Avangard)
श्रेणी: इंटरकॉन्टिनेंटल हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV)
स्पीड: Mach 20–27 (ध्वनि से 20–27 गुना तेज)
रेंज: 6,000 किलोमीटर से अधिक
प्रक्षेपण प्रणाली: ICBM (जैसे कि RS-18 या RS-28 Sarmat)
वारहेड: पारंपरिक या परमाणु (2 मेगाटन तक)
2. किंझाल (Kinzhal)
श्रेणी: एयर-लॉन्च्ड हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल
स्पीड: Mach 10 (ध्वनि से 10 गुना तेज)
रेंज: लगभग 1,500–2,000 किलोमीटर
प्रक्षेपण प्रणाली: MIG-31K फाइटर जेट
वारहेड: पारंपरिक या परमाणु
3. जिरकॉन (Zircon)
श्रेणी: हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
स्पीड: Mach 8–9
रेंज: 1,000 किलोमीटर (कई रिपोर्ट्स में 1,500 किमी तक)
प्रक्षेपण प्रणाली: जलपोत, पनडुब्बी (जैसे एडमिरल गोर्शकोव क्लास)
वारहेड: पारंपरिक (या संभावित परमाणु)
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