1. असली बीज – ओमेगा-3 और जिंक से भरपूर
असली बीज जैसे अलसी (flaxseeds), कद्दू के बीज (pumpkin seeds) और सूरजमुखी के बीज (sunflower seeds) नसों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इनमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, जिंक और मैग्नीशियम नसों की झिल्ली को मजबूत करते हैं और नर्व सिग्नलिंग को बेहतर बनाते हैं।
कैसे लें: 1-2 चम्मच बीजों को सुबह खाली पेट या स्मूदी/सलाद में मिलाकर खा सकते हैं।
2. पालक – आयरन और फोलेट का प्राकृतिक स्रोत
पालक में आयरन, फोलेट, विटामिन K और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो नसों और मांसपेशियों के लिए बेहद ज़रूरी हैं। यह रक्त प्रवाह सुधारता है और नसों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर बनाता है।
कैसे लें: पालक की सब्जी, सूप या स्मूदी बनाकर नियमित रूप से सेवन करें।
3. मेथी – सूजन को कम करने वाली औषधीय जड़ी-बूटी
मेथी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण नसों की सूजन को कम करते हैं। यह तंत्रिका कोशिकाओं को पोषण देती है और कमजोरी से राहत दिलाती है।
कैसे लें: मेथी दाना रातभर भिगोकर सुबह खाएं या मेथी की पत्तियों की सब्जी बनाकर सेवन करें।
4. लहसुन – नसों का प्राकृतिक टॉनिक
लहसुन में सल्फर यौगिक और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रक्त संचार बढ़ाने और नसों की सूजन घटाने में मदद करते हैं। यह शरीर में टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी सहायक है।
कैसे लें: रोजाना सुबह खाली पेट 1-2 कच्ची लहसुन की कलियां चबाएं या सब्जी में डालें।
5. सरसों का साग – विटामिन C, E और कैल्शियम का खजाना
सरसों का साग केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के लिहाज़ से भी बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद विटामिन C और E नसों की मरम्मत और सुरक्षा में मदद करते हैं, जबकि कैल्शियम मांसपेशियों और नर्व सिग्नलिंग को सुधारता है।
कैसे लें: सर्दियों में खास तौर पर सरसों का साग मक्के की रोटी के साथ खाएं, या हल्की-सी भूनकर अन्य हरी सब्जियों के साथ मिलाएं।
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