डॉक्टरों और पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि इन तेलों में ओमेगा-6 फैटी एसिड अत्यधिक मात्रा में होता है। यह फैटी एसिड शरीर में सूजन (Inflammation) और ऑक्सीडेटिव तनाव (Oxidative Stress) बढ़ाता है, जो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) की बड़ी वजह बन सकता है।
इतना ही नहीं ये तेल बार-बार गर्म करने पर ट्रांस फैट में बदल जाते हैं, जो लिवर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और शरीर की चयापचय प्रणाली को भी बाधित करता है। असलियत में ये तेल अत्यधिक प्रोसेसिंग के कारण पोषणहीन हो जाते हैं और शरीर में सूजन पैदा करते हैं, जो लिवर के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए इसका सेवन ज्यादा न करें।
क्या कहती हैं रिसर्च?
अध्ययनों में यह पाया गया है कि जिन लोगों की डाइट में ओमेगा-6 की मात्रा ज्यादा और ओमेगा-3 की मात्रा कम होती है, उनमें लिवर में सूजन और वसा जमा होने की आशंका अधिक होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में तेजी से बढ़ते फैटी लिवर रोग के मामलों के पीछे यह असंतुलन भी एक बड़ा कारण है।
क्या हैं बेहतर विकल्प?
स्वस्थ खाना पकाने के तेल का चयन करें: जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो तेल,नारियल का तेल, सरसो का तेल या अलसी का तेल।
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