केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट: सरकार ने किया ऐलान!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) की ब्याज दर को 7.1% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। यह घोषणा आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से की है। सरकार की यह दर हर तिमाही आर्थिक हालात के मुताबिक समीक्षा के बाद तय की जाती है, और इस बार भी कर्मचारियों को वही स्थिर लाभ मिला है जैसा पिछले तीन महीनों में था।

जीपीएफ क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?

जीपीएफ एक सैविंग स्कीम है जो केवल केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। कर्मचारी हर महीने अपने वेतन का कुछ हिस्सा इस फंड में जमा करते हैं, जो उनके रिटायरमेंट के बाद उन्हें एक पेंशन के समान राशि के तौर पर मिलती है। यह योजना कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा देती है और रिटायरमेंट के बाद नियमित आय का स्रोत बनती है।

ब्याज दर का व्यापक प्रभाव

7.1% की ब्याज दर केवल सामान्य भविष्य निधि तक सीमित नहीं है। यह कई अन्य सरकारी भविष्य निधि योजनाओं पर भी लागू होती है, जैसे कि अंशदायी भविष्य निधि, राज्य रेलवे भविष्य निधि, रक्षा सेवाओं की भविष्य निधि आदि। इसका मतलब है कि लगभग सभी केंद्रीय विभागों के कर्मचारियों को समान लाभ मिलता है।

जीपीएफ और पीपीएफ में खास अंतर

सामान्य भविष्य निधि और सार्वजनिक भविष्य निधि दोनों में ब्याज दर समान होते हुए भी उनके उद्देश्यों और नियमों में अंतर है। जहां जीपीएफ केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है और रिटायरमेंट पर पूरा पैसा निकालने की अनुमति देता है, वहीं पीपीएफ हर नागरिक के लिए खुला है और उसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है।

ईपीएफ से तुलना

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) मुख्यतः प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए होता है और इसकी ब्याज दर सालाना समीक्षा के बाद तय होती है। फिलहाल ईपीएफ की ब्याज दर 8.25% है, जो जीपीएफ से थोड़ी ज्यादा है।

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