नया क्या है?
राज्य सरकार और महालेखाकार कार्यालय के साझा प्रयास से पेंशन प्रणाली का पूर्ण डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इसका मतलब है कि अब सेवानिवृत्त कर्मचारी को रिटायरमेंट के एक महीने के भीतर: पेंशन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज़ मिल जाएंगे, मासिक पेंशन तुरंत चालू हो जाएगी।
इससे पहले कई बार यह देखने को मिला कि रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारियों को महीनों इंतजार करना पड़ता था। कई बार दस्तावेजों की कमी या गलतियों के कारण पेंशन में देरी होती थी। लेकिन अब डिजिटल प्रणाली की मदद से यह समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
एकीकृत सॉफ्टवेयर सिस्टम
प्रधान उपमहालेखाकार ओंकार ने जानकारी दी है कि अब एक ऐसा एकीकृत सॉफ्टवेयर सिस्टम तैयार किया जाएगा, जिस पर राज्य सरकार और महालेखाकार कार्यालय दोनों एक साथ काम करेंगे। इससे: कर्मचारी के सर्विस रिकॉर्ड की एक ही जगह से जांच संभव होगी, पेंशन प्रक्रिया में पारदर्शिता और समन्वय बना रहेगा, भविष्य में भी दस्तावेजों की जांच या अपडेशन में सहूलियत होगी
अन्य राज्यों से सीख
बिहार सरकार और महालेखाकार कार्यालय अन्य राज्यों के सफल मॉडल्स का अध्ययन कर रहे हैं। जैसे कि महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में पेंशन प्रक्रिया को पहले ही डिजिटल किया जा चुका है। बिहार इन मॉडलों से सीखकर अपनी प्रणाली को और बेहतर बनाने की कोशिश करेगा।
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