कैसे काम करता है हाइड्रोजन बम?
हाइड्रोजन बम को थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहा जाता है। यह दो चरणों में काम करता है:
फिशन स्टेज (पहला चरण): इस चरण में यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 का उपयोग कर एक छोटा परमाणु विस्फोट किया जाता है, जिसे ‘प्राइमरी’ कहा जाता है। यही चरण हाइड्रोजन बम में फ्यूजन को आरंभ करने के लिए आवश्यक अत्यधिक तापमान और दबाव उत्पन्न करता है।
फ्यूजन स्टेज (दूसरा चरण): इस ऊर्जा से ड्यूटेरियम और ट्रिटियम (हाइड्रोजन के भारी आइसोटोप) के बीच न्यूक्लियर फ्यूजन होता है, जिससे विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। अक्सर इस चरण के चारों ओर यूरेनियम-238 की परत लगाई जाती है, जो फ्यूजन से निकलने वाले न्यूट्रॉनों से सक्रिय होकर एक और फिशन रिएक्शन शुरू कर देती है।
क्यों जरूरी है यूरेनियम?
यूरेनियम न केवल बम को आरंभ करने में सहायक होता है, बल्कि इसकी “तरंग प्रभाव” (boosted yield) को भी कई गुना बढ़ा देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बिना यूरेनियम के एक हाइड्रोजन बम का आधा बल भी उत्पन्न नहीं हो सकता। इसलिए चाहे परमाणु बम हो या हाइड्रोजन दोनों के लिए यूरेनियम की जरूरत होती हैं।
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