क्या है 8वां वेतन आयोग?
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों की समीक्षा करेगा। पिछला वेतन आयोग (सातवां) 2016 में लागू किया गया था और उसी के अनुसार वर्तमान में कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद है कि नए वेतन आयोग से उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।
सरकार ने क्या कहा?
हाल ही में राज्यसभा के मानसून सत्र के दौरान जब सांसद सागरिका घोष ने 8वें वेतन आयोग को लेकर सवाल पूछा, तो वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब में बताया कि: सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय ले लिया है। प्रमुख हितधारकों (Stakeholders) से सुझाव मांगे गए हैं, जिनमें रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक विभाग और कुछ राज्य सरकारें शामिल हैं।
आयोग के लिए Terms of Reference (ToR) यानी कार्यदिशा तय की जाएगी और उसी के तहत आयोग सिफारिशें देगा। हालांकि, अभी तक आयोग की आधिकारिक घोषणा या समिति का गठन नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों में थोड़ी निराशा भी है।
कर्मचारी संगठनों की सक्रियता बढ़ी
इस मुद्दे को लेकर सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ (GENC) का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मिला। इस बैठक में कर्मचारियों से जुड़ी कई अहम मांगों पर चर्चा हुई, जिनमें 8वें वेतन आयोग का गठन भी शामिल था। बैठक के बाद भले ही कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन इसे एक सकारात्मक पहल कहा जा रहा है।
सैलरी बढ़ोतरी में सबसे अहम: फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर सरकारी वेतन निर्धारण की प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। सातवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था। इस बार अगर यह बढ़ता है, तो सीधा असर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर पड़ेगा। इसलिए कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 3.68 रखा जाए ताकि महंगाई के अनुरूप सैलरी में सुधार हो। हालांकि कई रिपोर्ट्स ये बतलाती है की फिटमेंट फैक्टर 1.96 के आसपास हो सकती हैं।
0 comments:
Post a Comment