क्या है यह नया विधेयक?
यह विधेयक गांवों में बने मकानों को एक आधिकारिक दस्तावेज घरौनी के माध्यम से कानूनी मान्यता देता है। अब गांव के मकान सिर्फ एक कच्चा या परंपरागत घर नहीं रहेंगे, बल्कि उनका स्वामित्व सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होगा, जिससे मकान मालिक अपने अधिकारों को साबित कर सकेंगे।
घरौनी का मतलब क्या है?
घरौनी वह दस्तावेज है जो ग्रामीण क्षेत्रों में बने मकानों या प्लॉट पर किसी व्यक्ति के स्वामित्व को प्रमाणित करता है। इसे केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अब तक 1.06 करोड़ से अधिक घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं, जिनमें से 1.01 करोड़ का वितरण भी किया जा चुका है।
क्या-क्या होंगे फायदे?
घरौनी को कानूनी मान्यता मिलने के बाद ग्रामीण लोग अपने मकान के बदले बैंक से लोन ले सकेंगे। इससे रोजगार, व्यवसाय, शिक्षा आदि के लिए आर्थिक सहायता मिलना आसान हो जाएगा। अब मकान की मिल्कियत में बदलाव जैसे विक्रय, वसीयत, उपहार या उत्तराधिकार के मामलों में नामांतरण प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी। घरौनी की वैधानिक मान्यता के कारण संपत्ति विवादों में लोगों को मजबूत कानूनी आधार मिलेगा।
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