अमेरिका: व्यापारिक रिश्तों में नंबर वन
2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 132.21 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। इससे यह साफ होता है कि अमेरिका फिलहाल भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। तकनीक, रक्षा, ऊर्जा और सेवाओं के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग है। अमेरिकी कंपनियों ने भारत में निवेश बढ़ाया है, वहीं भारत भी अमेरिकी बाज़ार में तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ जैसे निर्णयों ने व्यापारिक रिश्तों में तनाव जरूर बढ़ाया। इससे खासकर कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में असर पड़ा। लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के कारोबारी संबंध स्थिर बने हुए हैं।
चीन: विरोध के बावजूद आर्थिक साझेदारी गहरी
भारत और चीन के बीच राजनीतिक मतभेद और सीमा पर तनाव किसी से छिपे नहीं हैं। गलवान घाटी की झड़प और कई अन्य घटनाएं इन रिश्तों में खटास का कारण बनीं। इसके जवाब में भारत ने सैकड़ों चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध भी लगाया और "मेक इन इंडिया" अभियान को तेज़ किया।
फिर भी, व्यापार के मोर्चे पर दोनों देशों के बीच सहयोग बना हुआ है। 2024-25 में भारत-चीन व्यापार 127.71 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, दवाइयाँ, कैमिकल्स और कच्चा माल। इन सभी क्षेत्रों में भारत की निर्भरता चीन पर बनी हुई है। भारतीय बाज़ार में अब भी "मेड इन चाइना" उत्पादों की हिस्सेदारी बहुत बड़ी है।
टॉप-10 व्यापारिक साझेदारों की सूची (2024-25)
1 .अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार 132.21 अरब डॉलर में
2 .चीन से द्विपक्षीय व्यापार 127.71 अरब डॉलर में
3 .संयुक्त अरब अमीरात से द्विपक्षीय व्यापार 100.06 अरब डॉलर में
4 .रूस से द्विपक्षीय व्यापार 68.72 अरब डॉलर में
5 .सऊदी अरब से द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब डॉलर में
6 .सिंगापुर से द्विपक्षीय व्यापार 34.27 अरब डॉलर में
7 .इराक से द्विपक्षीय व्यापार 32.16 अरब डॉलर में
8 .जर्मनी से द्विपक्षीय व्यापार 29.52 अरब डॉलर में
9 .इंडोनेशिया से द्विपक्षीय व्यापार 28.16 अरब डॉलर में
10 .नीदरलैंड्स से द्विपक्षीय व्यापार 27.78 अरब डॉलर में
0 comments:
Post a Comment