220 मूल्यांकन केंद्रों से तैयार हुई सूची
राज्यभर के 220 मूल्यांकन केंद्रों से इन शिक्षकों की सूची बोर्ड मुख्यालय को भेजी गई है। अब इन शिक्षकों को यूपी बोर्ड के पांच क्षेत्रीय कार्यालयों से नोटिस जारी किए जाएंगे। उनसे पूछा जाएगा कि आखिर किन कारणों से वे मूल्यांकन कार्य से अनुपस्थित रहे, जबकि परीक्षा ड्यूटी के दौरान वे पूरी तरह उपस्थित थे।
5 से 6 सवालों का देना होगा जवाब
बोर्ड ने साफ किया है कि शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य में गैरहाजिरी पर लिखित रूप में जवाब मांगा जाएगा। उनसे यह पूछा जाएगा कि – मूल्यांकन कार्य क्यों नहीं किया? क्या कोई विशेष परिस्थिति थी? जब परीक्षा के समय कक्ष निरीक्षण किया, तो मूल्यांकन से क्यों दूरी बनाई?
1.5 लाख परीक्षकों पर थी जिम्मेदारी
बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के अनुसार, इस वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कुल तीन करोड़ से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं जांची जानी थीं। इसके लिए करीब 1.5 लाख परीक्षकों को तैनात किया गया था। लेकिन महज 30 से 40% परीक्षकों ने समय पर कार्य किया, जिससे मूल्यांकन में 10 दिन की देरी हो गई।
सिर्फ अनुपस्थित ही नहीं, लापरवाह भी निशाने पर
बोर्ड सिर्फ अनुपस्थित शिक्षकों पर ही नहीं, बल्कि कम संख्या में कापियां जांचने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, कई परीक्षकों ने रोजाना केवल 5 से 20 कापियों का मूल्यांकन किया। ऐसे में मूल्यांकन जो 4 से 5 दिनों में पूरा होना था, वह 15 दिनों तक खिंच गया।
अब देर नहीं, कार्रवाई होगी तेज
शेष 41 मूल्यांकन केंद्रों से भी सूची आने के बाद संबंधित शिक्षकों से स्पष्टीकरण लेकर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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