कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने जानकारी देते हुए बताया कि अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पंचायत स्तर पर ही जारी किए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक पंचायत सरकार भवन में अलग से काउंटर बनाए जाएंगे, जहां पंचायत सचिव खुद प्रमाण पत्र जारी करेंगे। यह व्यवस्था खासकर ग्रामीण आबादी को राहत देने के उद्देश्य से की गई है, जहां अब तक ऐसे प्रमाण पत्रों के लिए प्रखंड सांख्यिकी कार्यालय पर निर्भर रहना पड़ता था।
नई व्यवस्था क्या कहती है?
जन्म के 30 दिन के भीतर आवेदन करने पर पंचायत सचिव स्वयं बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे। 1 महीने से 1 साल के बीच आवेदन करने की स्थिति में, प्रमाण पत्र प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की अनुशंसा पर जारी होगा। यदि जन्म के एक साल बाद आवेदन किया जाता है, तो प्रमाण पत्र के लिए बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) की स्वीकृति आवश्यक होगी। इसी तरह, मृत्यु प्रमाण पत्र भी पंचायत सचिव द्वारा ही सत्यापन के बाद जारी किए जाएंगे।
ग्रामीणों को मिलेगी बड़ी राहत
नई व्यवस्था के तहत ग्रामीणों को लंबी प्रक्रिया, समय और परिवहन की परेशानी से राहत मिलेगी। पहले जहां प्रखंड कार्यालय तक जाना और दस्तावेज जमा करना जरूरी होता था, अब यह कार्य सीधे पंचायत सरकार भवन में ही संपन्न हो जाएगा।
राज्य सरकार का कहना है कि इस कदम से न केवल ग्रामीण जनता को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति भी आएगी। इस योजना को लागू करने के लिए सभी पंचायतों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है और पंचायत सचिवों को इस कार्य के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
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