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यूपी में अब बीएड उत्तीर्ण शिक्षकों के लिए ब्रिज कोर्स अनिवार्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त बीएड उत्तीर्ण शिक्षकों के लिए छह माह का ब्रिज कोर्स अब अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के निर्देश पर अब यह कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा संचालित किया जाएगा। जिन शिक्षकों ने अब तक यह कोर्स पूरा नहीं किया है, उन्हें अब इसकी अनदेखी भारी पड़ सकती है।

क्या है ब्रिज कोर्स?

ब्रिज कोर्स एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो बीएड शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर पढ़ाने के लिए आवश्यक शिक्षण कौशल प्रदान करता है। इसे पूरा करना न केवल नियमों के तहत आवश्यक है बल्कि शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने में भी सहायक है।

NIOS ने की पंजीकरण तिथि घोषित

NIOS ने अपने आधिकारिक सूचना में बताया है कि ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जुलाई और अगस्त 2025 में शुरू होगी। कोर्स पूरी तरह ऑनलाइन रहेगा और इसकी अवधि छह माह निर्धारित की गई है। यह कोर्स बीएड धारकों के लिए जरूरी है जिन्होंने यूपी की 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में भाग लिया था और प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं।

NCTE के नियम और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

NCTE के अनुसार, प्राथमिक कक्षा में नियुक्त किसी भी बीएड डिग्रीधारी शिक्षक को नियुक्ति के दो वर्षों के भीतर यह ब्रिज कोर्स पूरा करना जरूरी है। हालांकि, प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षक अब तक यह कोर्स नहीं कर पाए हैं, जिससे उनकी नियुक्ति की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एनसीटीई ने यह जिम्मेदारी एनआइओएस को दी है।

आरक्षण पर, 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वहीं, 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा मामला भी लगातार चर्चा में है। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण घोटाले के आरोप लगे थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई 2025 को सुनवाई होनी तय है। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी राजेश चौधरी ने कहा है कि इस सुनवाई से आरक्षण से वंचित अभ्यर्थियों को न्याय मिलने की उम्मीद है।

बिहार में गन्ना अधिकारी बनने का मौका, स्नातक करें अप्लाई

पटना। बिहार में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 71वीं कंबाइंड सिविल सर्विस परीक्षा (BPSC 71st CCE) के तहत विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। खास बात यह है कि इस बार गन्ना उद्योग विभाग में ईख पदाधिकारी (Cane Officer) के 17 पदों पर भी नियुक्ति की जाएगी।

आपको बता दें की आवेदन की प्रक्रिया 2 जून 2025 से शुरू हो चुकी है और इच्छुक अभ्यर्थी 30 जून 2025 तक BPSC की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होनी चाहिए। आयु सीमा और आरक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी BPSC द्वारा जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन में दी गई है।

परीक्षा के माध्यम से होंगे कई पदों पर नियुक्ति

BPSC की 71वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें गन्ना अधिकारी (Cane Officer) के अलावा अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी बहाली प्रस्तावित है। लेकिन गन्ना उद्योग विभाग में नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के लिए यह एक विशेष अवसर है।

इन पदों के लिए ऐसे करें ऑनलाइन के द्वारा आवेदन

BPSC की वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर जाएं। “Apply Online” सेक्शन में जाकर BPSC 71st CCE लिंक पर क्लिक करें। मांगी गई जानकारी भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें। आवेदन शुल्क का भुगतान कर फॉर्म सबमिट करें। भविष्य के लिए आवेदन फॉर्म का प्रिंट आउट सुरक्षित रखें।

यूपी में आउटसोर्स कर्मि‍यों के आने वाले हैं अच्छे दिन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने 'उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम' के गठन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है।अब जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी से इसे लागू किया जायेगा।

क्या है प्रस्ताव का उद्देश्य?

इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्स कर्मियों को समय से मानदेय, चिकित्सा सुविधा, सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ दिलाना है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कर्मचारियों के ईपीएफ, ईएसआई, बीमा, चिकित्सा, भत्ते आदि का प्रबंधन अब प्रस्तावित निगम के माध्यम से किया जाएगा। हालांकि, वेतन भुगतान मौजूदा व्यवस्था के तहत आउटसोर्स एजेंसियां ही करेंगी, लेकिन इसका समय से भुगतान हो, इसकी निगरानी निगम करेगा।

शोषण पर लगेगा लगाम

नई व्यवस्था के तहत कोई भी एजेंसी अब अपने स्तर से किसी कर्मचारी को नहीं हटा सकेगी। यह फैसला भी निगम की अनुमति से ही संभव होगा। भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से तृतीय और द्वितीय श्रेणी की भर्ती की जाएगी। चतुर्थ श्रेणी को फिलहाल इसमें शामिल नहीं किया गया है।

आउटसोर्स कर्मियों को मिलेंगे ये बड़े लाभ:

नौकरी की उम्र सीमा: आउटसोर्स कर्मचारी 60 वर्ष तक सेवाएं दे सकेंगे।

अवकाश की सुविधा: साल में 12 आकस्मिक और 10 चिकित्सीय अवकाश मिलेंगे।

पेंशन योजना: सेवा समाप्ति के बाद कर्मियों को 1000 से 7500 रुपये तक मासिक पेंशन देने का प्रस्ताव है।

मानदेय में बढ़ोतरी: न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये निर्धारित किया गया है, जो पद की प्रकृति के अनुसार और अधिक भी हो सकता है।

मुफ्त इलाज: राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अस्पतालों व जांच केंद्रों पर कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों को मुफ्त इलाज की सुविधा दिलाई जाएगी।

मातृत्व अवकाश:  आउटसोर्सिंग पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को भी अब मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाएगी। महिला कर्मचारियों को दो बच्चे पैदा होने पर छह महीने यानी 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।

30 लाख रुपये तक बीमा सुरक्षा: दुर्घटना में मृत्यु होने पर कर्मी के परिजनों को 30 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। इसके लिए किसी भी प्रकार का प्रीमियम नहीं देना होगा।

8वां वेतन आयोग: वेतन और पेंशन में कितनी वृद्धि!

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगी। इस ऐतिहासिक निर्णय से देशभर के 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।

क्या है फिटमेंट फैक्टर और इसका महत्व

वेतन आयोगों की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा गुणांक (multiplier) होता है जिसका उपयोग वर्तमान मूल वेतन को संशोधित करने में किया जाता है। यह सभी ग्रेड्स और वेतन-बैंड्स में समान वेतन वृद्धि सुनिश्चित करता है।

7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके चलते न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था। वहीं पेंशन ₹3,500 से बढ़कर ₹9,000 तक पहुंच गई थी। इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा योजना भी लागू की गई थी। नए वेतन आयोग में भी कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त वृद्धि होगी और अन्य सुविधाएँ मिलेगी।

8वें वेतन आयोग से क्या हैं अपेक्षाएं?

हालांकि 8वें वेतन आयोग का अधिकारिक फिटमेंट फैक्टर अभी घोषित नहीं हुआ है, परंतु अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह लगभग 2.5 हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन ₹40,000 है, तो संशोधित वेतन ₹40,000 × 2.5 = ₹1,00,000 तक पहुंच सकता है। इससे न केवल वेतन में भारी वृद्धि होगी, बल्कि पेंशनरों को भी बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।

वेतन वृद्धि की गणना कैसे करें?

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, तो यह जानना जरूरी है कि आपका वर्तमान मूल वेतन क्या है और फिटमेंट फैक्टर कितना होगा। उदाहरण के लिए: वर्तमान मूल वेतन: ₹40,000, संभावित फिटमेंट फैक्टर: 2.5 तो संशोधित वेतन: ₹40,000 × 2.5 = ₹1,00,000 प्रति माह होगा। हालांकि यह केवल अनुमान है। वास्तविक बढ़ोतरी का पता तब चलेगा जब आयोग अपनी अंतिम सिफारिशें पेश करेगा।

लेजर हथियार से लैस भारत: मिसाइल और ड्रोन अब नहीं बच पाएंगे!

नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में 30-किलोवाट क्षमता वाले उन्नत लेजर हथियार प्रणाली "सहस्र शक्ति" का सफल परीक्षण किया है। यह प्रणाली दुश्मन के ड्रोन और यूएवी (Unmanned Aerial Vehicles) जैसे हवाई खतरों को हवा में ही मार गिराने में पूरी तरह सक्षम है। इस सफलता ने भारत को उन गिने-चुने देशों की सूची में ला खड़ा किया है जो उच्च-शक्ति लेजर हथियार तकनीक विकसित करने में सक्षम हैं।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह प्रणाली "डायरेक्टेड एनर्जी वेपन" (DEW) की श्रेणी में आती है। यह तकनीक विद्युत ऊर्जा को उच्च-तीव्रता वाली लेजर बीम में बदलती है, जो लक्ष्य पर अत्यधिक सटीकता से हमला करती है। परीक्षण के दौरान इस लेजर सिस्टम ने उड़ते हुए ड्रोन को कुछ ही सेकंड में नष्ट कर दिया, जिससे इसकी प्रभावशीलता सिद्ध हुई।

भारत की रक्षा रणनीति में नया मोड़

‘सहस्र शक्ति’ का सफल परीक्षण न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारत की रक्षा स्वावलंबन नीति 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। यह हथियार प्रणाली अत्यंत हल्की, मोबाइल और रियल-टाइम में निर्णय लेने में सक्षम है, जो भविष्य के युद्धों की आवश्यकताओं के अनुरूप है।

आगे क्या? – 'दुर्गा II' की तैयारी

इसके अलावे, भारत अब अगली पीढ़ी के लेजर हथियार 'दुर्गा II' पर काम कर रहा है। यह एक 100 किलोवाट क्षमता वाला लेजर हथियार होगा, जिसे मिसाइलों, जेट विमानों को भी निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। 'दुर्गा II' को भारतीय सेना की सेवा में शामिल करने के लिए उन्नत निर्माण चल रहा हैं। यह प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी है और इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म्स पर तैनात किया जा सकेगा — जिससे इसे युद्ध के मैदान में कहीं भी तैनात करना संभव होगा।

रूस से बड़ा प्रस्ताव: भारत में बनेगा Su-57E जेट्स?

नई दिल्ली। भारत के सामने एक ऐतिहासिक और रणनीतिक मोड़ पर खड़ा एक बड़ा सवाल है — क्या वह रूस के Su-57E फाइटर जेट को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपनाकर फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर क्लब में छलांग लगाए, या फिर स्वदेशी AMCA प्रोजेक्ट के परिपक्व होने तक इंतजार करे? रूस ने हाल ही में भारत को Su-57E का एक ऐसा अभूतपूर्व प्रस्ताव दिया है जो केवल एक जेट की बिक्री से कहीं आगे की बात करता है। इसमें भारत में निर्माण, सोर्स कोड ट्रांसफर, ओपन आर्किटेक्चर और टेक्नोलॉजिकल मदद जैसे अहम प्रस्ताव शामिल हैं।

भारत को 5वीं पीढ़ी की लड़ाकू ताकत की जरूरत।

हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव फिर से उभरा है। ऐसे में भारत के रक्षा नीति नियंताओं के सामने सवाल यह है कि क्या वह चीन-पाकिस्तान की मिलिट्री ग्रोथ के मुकाबले अपनी वायु शक्ति को फौरन बढ़ाए या आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए स्वदेशी समाधान का इंतजार करे? पाकिस्तान जल्द ही चीन से J-35 स्टील्थ फाइटर प्राप्त करने वाला है, जिससे दक्षिण एशिया में बैलेंस ऑफ पावर अस्थिर हो सकता है।

Su-57E बनाम राफेल: आत्मनिर्भरता की लड़ाई

फ्रांस ने राफेल का सोर्स कोड भारत को देने से साफ मना कर दिया है, जिससे ब्रह्मोस और अन्य स्वदेशी हथियारों को इसमें इंटीग्रेट करना मुश्किल हो गया है। यही वह बिंदु है जहां रूस का Su-57E प्रस्ताव विशेष बनता है। न केवल रूस सोर्स कोड देने को तैयार है, बल्कि वह भारत को अपने मिसाइलों और सिस्टम्स के अनुसार फाइटर को कस्टमाइज़ करने की छूट भी दे रहा है।

Su-57E लेने के फायदे और सामरिक बढ़त

सोर्स कोड एक्सेस: ब्रह्मोस NG, Rudram जैसी मिसाइलों को आसानी से इंटीग्रेट करने की सुविधा।

मेक इन इंडिया निर्माण: भारतीय रक्षा उद्योग को बढ़ावा और नौकरियों का सृजन।

पायलट ट्रेनिंग में आसानी: Su-30MKI से समानता के चलते तेज़ इंडक्शन और ऑपरेशनलाइजेशन।

रणनीतिक दबदबा: पाकिस्तान के J-35 के मुकाबले भारत को निर्णायक बढ़त।

दीर्घकालीन तकनीकी लाभ: 5th जनरेशन एयरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी में भारत की सीधी भागीदारी।

क्या यह भारत के लिए सही समय है निर्णय लेने का?

बजट और राजनीतिक संकल्पना जैसे पहलुओं के चलते यह फैसला आसान नहीं होगा। लेकिन जिस प्रकार से रूस ने गहन टेक्नोलॉजिकल ट्रांसफर, उत्पादन सुविधा और ओपन आर्किटेक्चर की बात की है, वह भारत को आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति बनाने के दृष्टिकोण से एक सुनहरा अवसर है।

IIM लखनऊ में B.Com, CA, M.Com, MBA पास के लिए भर्ती

लखनऊ। भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ (IIM Lucknow) ने शिक्षा और प्रबंधन क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए शानदार अवसर प्रदान किया है। संस्थान ने अकादमिक एसोसिएट के कुल 02 पदों के लिए भर्ती अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती के लिए B.Com, CA, M.Com, MBA/PGDM योग्यता रखने वाले उम्मीदवार 15 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया और पात्रता:

इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी IIM लखनऊ की आधिकारिक वेबसाइट iiml.ac.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों की अधिकतम आयु 38 वर्ष निर्धारित की गई है, हालांकि आरक्षित वर्गों को आयु में नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी।

शैक्षणिक योग्यता:

इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास निम्न में से कोई एक डिग्री होनी चाहिए: B.Com, CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट), M.Com, MBA या PGDM

वेतनमान:

चयनित अभ्यर्थियों को योग्यता और अनुभव के आधार पर ₹26,500 से ₹35,000 प्रति माह का समेकित वेतन प्रदान किया जाएगा।

कैसे करें आवेदन:

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन करने से पहले IIM लखनऊ की वेबसाइट पर उपलब्ध आधिकारिक अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़ें और निर्धारित प्रारूप में समय रहते आवेदन करें। इस भर्ती से जुड़ी अधिक जानकारी और अपडेट के लिए उम्मीदवार नियमित रूप से iiml.ac.in वेबसाइट पर नज़र बनाए रखें।

महत्वपूर्ण तिथि:

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 15 जून 2025

पुरुषों के लिए चेतावनी! टेस्टोस्टेरोन की कमी के 7 अहम लक्षण

हेल्थ डेस्क। बदलती जीवनशैली, अत्यधिक तनाव और खान-पान की अनियमितता के चलते आज पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासतौर पर टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटने के मामले चिंताजनक रूप ले रहे हैं। टेस्टोस्टेरोन एक प्रमुख पुरुष हार्मोन है जो न केवल यौन स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक और शारीरिक ताकत से भी जुड़ा हुआ है।

विशेषज्ञों का मानना है कि 30 की उम्र के बाद हर पुरुष में टेस्टोस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे घटने लगता है। लेकिन जब यह कमी सामान्य से अधिक हो जाती है, तो इसके कई स्पष्ट संकेत शरीर देने लगता है। आइए जानते हैं ऐसे 7 प्रमुख लक्षण जिनसे आपको सतर्क हो जाना चाहिए:

1. थकान और ऊर्जा की कमी

अगर आप बिना मेहनत के भी दिनभर थके-थके रहते हैं या थोड़ी देर काम करने के बाद ही ऊर्जा खत्म हो जाती है, तो यह टेस्टोस्टेरोन की कमी का शुरुआती संकेत हो सकता है।

2. यौन इच्छा में गिरावट

लिबिडो यानी यौन इच्छा में अचानक कमी आना इस हार्मोन के असंतुलन का सबसे प्रमुख लक्षण है। यदि आपको इस क्षेत्र में बदलाव महसूस हो रहा है, तो इसे अनदेखा न करें।

3. मांसपेशियों में कमजोरी

टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों के विकास में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से शरीर ढीला पड़ने लगता है और मांसपेशियों में ताकत कम हो जाती है।

4. मूड स्विंग और अवसाद

यह हार्मोन केवल शरीर ही नहीं, बल्कि दिमाग पर भी असर डालता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी से चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और आत्मविश्वास में गिरावट देखी जा सकती है।

5. वजन बढ़ना और पेट की चर्बी

लो टेस्टोस्टेरोन का संबंध मेटाबॉलिज्म से भी है। इसके गिरते स्तर के कारण शरीर में वसा अधिक जमा होने लगती है, विशेषकर पेट के आसपास।

6. बालों का झड़ना

टेस्टोस्टेरोन की कमी से सिर और शरीर के अन्य हिस्सों से बाल झड़ने लगते हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे होता है, लेकिन लगातार बना रहता है।

7. नींद की समस्या

अगर आपको अनिद्रा या रात में बार-बार नींद खुलने जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो इसके पीछे टेस्टोस्टेरोन की गिरावट एक कारण हो सकती है।

स्पर्म कैसे बनते हैं? जानिए पुरुष प्रजनन की अद्भुत प्रक्रिया

साइंस डेस्क: मनुष्य की उत्पत्ति में शुक्राणुओं (स्पर्म) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। यह सूक्ष्म लेकिन अत्यंत जटिल कोशिका पुरुष प्रजनन प्रणाली का केंद्रबिंदु है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्पर्म बनते कैसे हैं? आइए समझते हैं इस जैविक चमत्कार को, जो शरीर के भीतर हर दिन चुपचाप घटित होता रहता है।

अंडकोष से होती है शुरुआत

स्पर्म बनने की प्रक्रिया को स्पर्मेटोजेनेसिस (Spermatogenesis) कहा जाता है। यह प्रक्रिया पुरुषों के अंडकोषों (Testes) में स्थित सेमिनिफेरस ट्यूब्यूल्स में होती है। यही वह जगह है जहाँ प्रारंभिक कोशिकाएँ कई चरणों में विभाजित होकर परिपक्व स्पर्म का रूप लेती हैं।

कैसे बनता है स्पर्म?

स्पर्मेटोजेनेसिस तीन मुख्य चरणों में होती है:

1 .प्रारंभिक कोशिकाओं का विभाजन (Mitosis)

इसमें स्पर्मेटोगोनिया नामक कोशिकाएँ सामान्य विभाजन के ज़रिए खुद की प्रतिलिपि बनाती हैं।

2 .मीयोटिक विभाजन (Meiosis)

इसके बाद ये कोशिकाएँ मीयोसिस नामक विशेष विभाजन से गुजरती हैं, जिससे प्रत्येक कोशिका में आधा क्रोमोसोम (23) रह जाता है। यह आवश्यक है क्योंकि निषेचन के समय 23 क्रोमोसोम अंडाणु से मिलकर कुल 46 होते हैं।

3 .परिपक्वता की प्रक्रिया (Spermiogenesis)

अंत में, इन कोशिकाओं का आकार बदलता है और यह पूंछ (Tail) विकसित करती हैं, जिससे वे गतिशील बनती हैं और एक परिपक्व शुक्राणु का रूप लेती हैं।

कितने समय में बनता है एक स्पर्म?

एक स्पर्म बनने में औसतन 64 से 72 दिन का समय लगता है। लेकिन यह प्रक्रिया शरीर में लगातार चलती रहती है, जिससे एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में हर दिन लगभग 100 से 300 मिलियन स्पर्म बनते हैं। यह प्रजनन क्रिया के लिए जरुरी होता हैं।

हार्मोन्स का क्या रोल है?

स्पर्म निर्माण की पूरी प्रक्रिया हार्मोन्स पर निर्भर करती है। मुख्यतः तीन हार्मोन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

1 .FSH (Follicle Stimulating Hormone) – स्पर्म उत्पादन को शुरू करता है

2 .LH (Luteinizing Hormone) – टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को सक्रिय करता है

3 .Testosterone – स्पर्म की परिपक्वता और यौन विशेषताओं के लिए आवश्यक हैं।

जीवनशैली का प्रभाव

स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या पर जीवनशैली का सीधा असर होता है। धूम्रपान, शराब, अत्यधिक तनाव, मोबाइल रेडिएशन और खराब खानपान शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को कम कर सकते हैं। वहीं, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद स्पर्म गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं।

भारत का ‘आयरन डोम’ तैयार, दुश्मनों की उलटी गिनती शुरू

नई दिल्ली। भारतीय सेना को अब विदेशी हथियारों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। देश का पहला स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ पूरी तरह तैयार हो चुका है। हाल ही में ओडिशा के गोपालपुर स्थित सीवर्ड फायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया। यह सिस्टम भविष्य में भारत की सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा बनने जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के लिए ‘उलटी गिनती’ शुरू हो चुकी है।

आयरन डोम का देसी वर्जन: भार्गवास्त्र

भार्गवास्त्र को भारत का ‘आयरन डोम’ कहा जा रहा है। यह नाम इजरायल के प्रसिद्ध मिसाइल और ड्रोन डिफेंस सिस्टम ‘Iron Dome’ की तर्ज पर दिया गया है। जहां आयरन डोम मिसाइल और रॉकेट को इंटरसेप्ट करता है, वहीं भार्गवास्त्र ड्रोन हमलों को विफल करने के लिए डिजाइन किया गया हार्ड-किल काउंटर ड्रोन सिस्टम है।

परीक्षण में मिली सफलता

भार्गवास्त्र का माइक्रो रॉकेट हाल ही में हुए टेस्ट में पूरी तरह सफल रहा। इसने न केवल लक्षित ड्रोन को नष्ट किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारत अब ड्रोन हमलों से निपटने में आत्मनिर्भर हो गया है। सेना के सूत्रों के मुताबिक, परीक्षण के दौरान हाई एल्टीट्यूड इलाकों में भी यह सिस्टम प्रभावी साबित हुआ।

भार्गवास्त्र की प्रमुख खूबियां

रेंज: 6 से 10 किलोमीटर के दायरे में उड़ने वाले दुश्मन के ड्रोन को ट्रैक कर उन्हें खत्म कर सकता है।

तकनीकी उपकरण: इसमें रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (EO/IR) सेंसर और RF रिसीवर लगे हुए हैं, जो ड्रोन की पहचान और उन्हें ट्रैक करने में मदद करते हैं।

ऑपरेशनल क्षेत्र: यह सिस्टम 5,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी कार्यक्षम है, जिससे इसे एलओसी और एलएसी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है।

कमांड और कंट्रोल: भार्गवास्त्र एक उन्नत C4I (Command, Control, Communication, Computer & Intelligence) सिस्टम से लैस है, जो रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग और निर्णय क्षमता प्रदान करता है।

IIM अहमदाबाद में Research Associate की भर्ती

अहमदाबाद। भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIM अहमदाबाद) ने रिसर्च एसोसिएट के पदों के लिए नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह अवसर उन युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है जो शोध के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने की इच्छा रखते हैं। संस्थान ने इस भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 जून 2025 निर्धारित की है।

योग्यताएं और आवेदन प्रक्रिया

इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास निम्न में से कोई एक योग्यता होना आवश्यक है: B.Sc (स्नातक विज्ञान में), B.Tech / BE (तकनीकी या इंजीनियरिंग क्षेत्र से), किसी भी विषय में मास्टर डिग्री। 

योग्य अभ्यर्थी IIM अहमदाबाद की आधिकारिक वेबसाइट iima.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और इच्छुक उम्मीदवारों को समय पर सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म भरना होगा।

रिसर्च एसोसिएट का कार्यक्षेत्र

रिसर्च एसोसिएट का कार्य अकादमिक और नीतिगत शोध परियोजनाओं में सहायक की भूमिका निभाना होता है। इसमें डेटा संग्रह, विश्लेषण, रिपोर्ट लेखन और शोध निष्कर्षों की प्रस्तुति जैसे कार्य शामिल होते हैं। यह पद विशेष रूप से उन युवाओं के लिए उपयुक्त है जो भविष्य में रिसर्च, शिक्षण या नीति-निर्माण जैसे क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं।

IIM अहमदाबाद – एक उत्कृष्ट संस्थान

IIM अहमदाबाद भारत के शीर्ष प्रबंधन संस्थानों में से एक है, जिसकी वैश्विक ख्याति भी अत्यंत उच्च है। यहां कार्य करना न केवल पेशेवर अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यह आगे की उच्च शिक्षा, जैसे Ph.D या अंतरराष्ट्रीय रिसर्च कार्यक्रमों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करता है।

यूपी बोर्ड: 3 जून से मिलेंगे 10वीं-12वीं के प्रमाणपत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षा वर्ष 2025 के अंकपत्र और प्रमाणपत्र अब छात्रों को वितरित किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। राजधानी लखनऊ में इन प्रमाण-पत्रों के लिफाफे पहुंच चुके हैं और इनका वितरण 3 जून से शुरू किया जाएगा। वितरण स्थल के तौर पर स्टेशन रोड स्थित राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज को निर्धारित किया गया है।

जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राकेश कुमार ने जानकारी दी कि माध्यमिक शिक्षा परिषद, क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज से प्राप्त लिफाफों में कक्षा 10वीं-12वीं परीक्षा वर्ष 2025 के प्रमाण-पत्र और अंकपत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, शैक्षिक सत्र 2024-25 में कक्षा 9 में अध्ययनरत छात्रों के लिए हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 2026 के अग्रिम पंजीकरण कार्ड और नामावलियां भी भेजी गई हैं।

लिफाफों का वितरण 3 जून से 4 जून तक किया जाएगा। इस संबंध में जिले के सभी राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और वित्तविहीन मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने किसी शिक्षणेत्तर कर्मचारी को नामित कर राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज से संबंधित दस्तावेज समय से प्राप्त कर लें।

डीआईओएस ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही से बचने के लिए समय पर दस्तावेज प्राप्त करना अनिवार्य है। इससे न केवल छात्रों को समय पर प्रमाणपत्र मिल सकेंगे, बल्कि आगामी प्रवेश और शैक्षणिक योजनाओं में भी कोई बाधा नहीं आएगी।

बिहार में 'मिनरल डेवलपमेंट ऑफिसर' की बंपर भर्ती

पटना। बिहार में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 'मिनरल डेवलपमेंट ऑफिसर' के 15 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। यह भर्ती विज्ञान (विशेष रूप से भूविज्ञान या खनिज शास्त्र) में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त उम्मीदवारों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आई है।

भर्ती का विवरण:

कुल पदों की संख्या: 15

पद का नाम: 'मिनरल डेवलपमेंट ऑफिसर'

आवेदन की अंतिम तिथि: 16 जून 2025

आधिकारिक वेबसाइट: bpsc.bihar.gov.in

योग्यता और पात्रता:

इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास भूविज्ञान (Geology) या खनिज शास्त्र (Mining Engineering) में M.Sc या समकक्ष उपाधि होना अनिवार्य है। साथ ही, बिहार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से यह डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।

चयन प्रक्रिया:

BPSC द्वारा जारी प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल हो सकते हैं। विस्तृत पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द जारी किया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों को सबसे पहले bpsc.bihar.gov.in पर जाना होगा।"Apply Online" सेक्शन में जाकर नए पंजीकरण (registration) की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर फीस जमा करनी होगी। आवेदन फॉर्म को अंतिम तिथि से पहले सबमिट करना अनिवार्य होगा।

बिहार में 90,000 से अधिक शिक्षकों की होगी भर्ती

पटना: बिहार में शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने TRE 4.0 यानी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इस बार राज्य भर में 90,000 से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के अनुसार, पिछली भर्ती प्रक्रिया TRE 3.0 में बचे हुए करीब 22,000 रिक्त पदों को भी इस बार की भर्ती में शामिल किया गया है।

आवेदन और परीक्षा तिथियां

आपको बता दें की TRE 4.0 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 20 जून 2025 से शुरू होकर 5 जुलाई 2025 तक चलेगी। आयोग के अनुसार, परीक्षा का आयोजन अगस्त 2025 में किया जाएगा और परिणाम सितंबर तक घोषित किए जाने की संभावना है।

परीक्षा इस बार होगी ज्यादा कठिन

BPSC ने स्पष्ट किया है कि इस बार की परीक्षा पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण होगी। खासकर हिंदी और अंग्रेज़ी के प्रश्नपत्रों को कठिन बनाया जाएगा ताकि अभ्यर्थियों की भाषा संबंधी दक्षता और लेखन क्षमता को परखा जा सके। आयोग का मानना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सक्षम शिक्षकों का चयन आवश्यक है।

शिक्षकों की जरूरत और रिक्तियां

राज्य में वर्तमान में करीब 5.65 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि कुल जरूरत लगभग 7 लाख शिक्षकों की है। इस नई भर्ती प्रक्रिया के बाद भी अनुमान है कि करीब 60,000 पद खाली रह जाएंगे। राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में और भी भर्ती चरण लाए जाएंगे ताकि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तारीखों को लेकर आया बड़ा अपडेट?

पटना: बिहार में सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे साल 2025 का अंत नजदीक आ रहा है, राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। अब चुनाव की तारीखों को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा इस बार सितंबर के पहले सप्ताह में ही हो सकती है। वहीं, चुनावी प्रक्रिया नवंबर से पहले पूरी कराए जाने की संभावना है।

चुनाव आयोग ने तेज की तैयारियां

चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव तैयारियों को लेकर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। सभी जिलों से बूथों की रिपोर्ट मांगी जा चुकी है, वहीं मतदाता सूची को दुरुस्त करने का कार्य भी अंतिम चरण में है। आयोग का फोकस इस बार मतदाता सूची से डुप्लीकेट नाम हटाने और आधार से लिंक न होने वाले वोटरों को जोड़ने पर है।

तीन चरणों में हो सकते हैं चुनाव

माना जा रहा है कि इस बार भी बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर तीन चरणों में मतदान कराया जा सकता है, जैसा कि 2020 में किया गया था। आयोग इस बार दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनावी कार्यक्रम तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि पर्व-त्योहारों में कोई बाधा न आए और मतदान प्रतिशत भी प्रभावित न हो।

22 नवंबर को खत्म हो रहा विधानसभा का कार्यकाल

गौरतलब है कि मौजूदा बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। पिछली बार, 2020 में कोविड महामारी के बीच आयोग ने 25 सितंबर को चुनावों की घोषणा की थी। वहीं, 2015 में यह घोषणा 9 सितंबर को की गई थी। मौजूदा हालात सामान्य हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि आयोग तय समय पर चुनाव की घोषणा कर सकता है।

यूपी में सरकारी जमीन कब्जाने पर एक्शन, बिजली चोरी पर भी कार्रवाई के निर्देश

प्रयागराज | रविवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ अहम बैठक कर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों और बिजली चोरी के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी और ग्राम सभा की जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जाए और भूमाफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्टेट लैंड और ग्राम समाज की जमीनों की पहचान कर उन्हें तारबंदी से सुरक्षित किया जाए ताकि भविष्य में किसी तरह का अतिक्रमण न हो सके। उन्होंने कहा कि नगर निगम इन खाली पड़ी जमीनों का उपयोग जनहित में विकास कार्यों के लिए करे और इसके लिए जल्द योजनाएं तैयार कर काम शुरू किया जाए।

जनप्रतिनिधियों को भी दिए सख्त निर्देश

बैठक में मौजूद सांसदों, विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों से उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी कीमत पर सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं होने देना है। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों पर सतर्क निगरानी रखी जाए और यदि कोई व्यक्ति या समूह कब्जा करता पाया जाए तो तुरंत कार्रवाई की जाए।

बिजली चोरी पर भी सख्ती

बिजली चोरी को लेकर भी उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि लाइन लॉस को कम किया जाए, लेकिन इस दौरान आम उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ऐसे इलाकों की पहचान करने के निर्देश दिए जहां आबादी में वृद्धि हुई है और ट्रांसफार्मरों की क्षमता कम पड़ रही है। वहां तुरंत ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने के आदेश भी दिए गए।

विकास और सुशासन की प्राथमिकता

बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री मौर्य ने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकारी संसाधनों पर किसी भी तरह का निजी कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से जनहित में तेजी से निर्णय लेने और योजनाओं को जमीन पर उतारने की अपील की।

बिहार में 72 टीचरों पर एक्शन, सभी को सख्त निर्देश

बक्सर, बिहार। शिक्षा विभाग की ओर से पारदर्शिता और अनुशासन के उद्देश्य से लागू किए गए ई-शिक्षा कोष एप के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। बक्सर जिले के केसठ प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में पदस्थापित 72 शिक्षकों पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का आरोप लगा है, जिसके बाद विभाग ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

क्या है मामला?

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की वास्तविक उपस्थिति की निगरानी के लिए ई-शिक्षा कोष एप को अनिवार्य किया है। इस एप के माध्यम से शिक्षक विद्यालय में प्रवेश और प्रस्थान का समय, साथ ही मोबाइल कैमरे से खींची गई फोटो अपलोड कर उपस्थिति दर्ज करते हैं। हालांकि, हालिया जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कई शिक्षक बिना स्कूल आए ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे, जबकि कुछ शिक्षक विद्यालय अवधि समाप्त होने से पहले ही स्कूल छोड़ रहे थे।

फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की टीम ने एप पर दर्ज फोटो और समय का गहन परीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कई उपस्थिति प्रविष्टियाँ संदिग्ध थीं। इसी आधार पर 72 शिक्षकों और विशिष्ट शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित शिक्षकों से लिखित स्पष्टीकरण लेकर कार्यालय में प्रस्तुत करें।

आगे की कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। यदि दोषी शिक्षक संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए, तो उनके खिलाफ वेतन रोकना, निलंबन, अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

नेचुरल ग्लो चाहिए? अपनाएं पपीता फेस पैक का जादू

नई दिल्ली। आज के समय में हर कोई दमकती, बेदाग और हेल्दी त्वचा चाहता है। इसके लिए लोग महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट्स पर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके किचन में रखा एक सामान्य फल — पका हुआ पपीता — आपकी त्वचा को नेचुरल ग्लो दे सकता है?

क्यों खास है पपीता?

पपीता सिर्फ खाने के लिए नहीं, बल्कि सौंदर्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। इसमें पैपेन एंजाइम पाया जाता है जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर नई कोशिकाओं को बनने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन A, C और E की भरपूर मात्रा होती है, जो त्वचा को पोषण देने और उसे हाइड्रेट रखने का काम करते हैं।

पपीता फेस पैक के फायदे:

1 .एंटी-एजिंग गुण: इसके एंटीऑक्सीडेंट्स फाइन लाइंस और झुर्रियों को कम करने में सहायक होते हैं।

2 .पिग्मेंटेशन और दाग-धब्बों में कमी: नियमित इस्तेमाल से दाग, धब्बे और झाइयां कम होने लगती हैं।

3 .तेजस्वी और ग्लोइंग स्किन: पपीता स्किन को अंदर से पोषण देता है, जिससे त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है।

4 .नेचुरल एक्सफोलिएशन: पपीता त्वचा से डेड स्किन हटाकर उसे साफ करता है, जिससे चेहरा तरोताजा दिखता है।

घर पर बनाएं पपीता फेस पैक:

सामग्री: पका हुआ पपीता – 4-5 टुकड़े, एक चम्मच शहद, एक चुटकी हल्दी (वैकल्पिक)

विधि:

पपीते को अच्छे से मैश कर लें और उसमें शहद मिलाएं। चाहें तो हल्दी भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण को चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। इस फेस पैक को सप्ताह में दो बार लगाएं। कुछ ही हफ्तों में फर्क नजर आने लगेगा — त्वचा निखरी और ग्लोइंग दिखाई देगी।

हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी में भारत की बड़ी छलांग

नई दिल्ली। भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर छू लिया है। हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश ने जिस तेज़ी और सटीकता के साथ प्रगति की है, वह न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि वैश्विक सामरिक संतुलन को भी प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है।

क्या होती है हाइपरसोनिक मिसाइल?

हाइपरसोनिक मिसाइलें वे मिसाइलें होती हैं जो ध्वनि की गति से पाँच गुना (Mach 5) या उससे अधिक की गति से उड़ान भर सकती हैं। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इन्हें इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है। ये मिसाइलें अपनी गति, दिशा और ऊँचाई को बदल सकती हैं, जिससे मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें पकड़ नहीं पाते।

भारत की तकनीकी प्रगति

भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने हाल ही में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण भारत की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि है। इस तकनीक के ज़रिए भारत अब उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास हाइपरसोनिक क्षमताएं हैं — जैसे अमेरिका, रूस और चीन।

हाइपरसोनिक तकनीक में बड़ी छलांग 

भारत ने हाल ही में अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना तेज है और इसे 1500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारत की यह तकनीकी छलांग केवल एक सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इससे भारत की 'न्यूनतम प्रतिरोधात्मक क्षमता' की नीति और अधिक प्रभावशाली बनती है।

वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति

जहाँ अमेरिका और रूस जैसे देश वर्षों से इस क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं, वहीं भारत ने कम संसाधनों में अत्याधुनिक तकनीक विकसित कर यह साबित कर दिया है कि वह अब केवल रक्षा उत्पादों का उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक वैश्विक निर्माता बन चुका है। अब जबकि भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है, अगला कदम इसे पूरी तरह से परिचालन स्तर पर लाना होगा। आने वाले वर्षों में भारत स्वदेशी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली को सेना में शामिल करने की दिशा में अग्रसर रहेगा।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन में 327 पदों पर भर्ती

न्यूज डेस्क: देश की प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका पेश किया है। कंपनी ने जूनियर एग्जीक्यूटिव, एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट और अन्य विभिन्न पदों पर कुल 372 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 1 जून 2025 से 30 जून 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट hindustanpetroleum.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पात्रता मानदंड:

इस भर्ती में किसी भी विषय से ग्रेजुएट, B.Sc, B.Tech/BE, डिप्लोमा, CA, MA, और MBA/PGDM डिग्रीधारक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। यह एक बहु-अनुशासनात्मक भर्ती है, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों को अवसर दिया गया है।

आयु सीमा:

उम्मीदवार की अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई है। हालांकि, सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों के लिए आयु में छूट भी प्रदान की जाएगी।

चयन प्रक्रिया:

एचपीसीएल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, इंटरव्यू, और दस्तावेज़ सत्यापन शामिल हो सकते हैं। विस्तृत जानकारी भर्ती विज्ञापन में उपलब्ध कराई गई है।

आवेदन कैसे करें:

HPCL की आधिकारिक वेबसाइट hindustanpetroleum.com पर जाएं।

करियर सेक्शन में “Recruitment of Executives 2025” लिंक पर क्लिक करें।

निर्देशों का पालन करते हुए रजिस्ट्रेशन करें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।

आवेदन पत्र को जमा करने से पहले अच्छी तरह जाँच लें और उसकी एक प्रति सुरक्षित रखें।

यूपी में बड़ा तोहफा: अब 25 लाख तक मिलेगा ब्याज फ्री लोन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत युवाओं को 5 लाख नहीं, बल्कि 25 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन मिलेगा। यही नहीं, सरकार इस योजना के दायरे को और व्यापक बनाने की तैयारी में है, जिसके तहत लोन की अधिकतम सीमा को 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया को देखते हुए योगी सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब तक केवल 5 लाख रुपये तक का ब्याज फ्री लोन दिया जाता था, लेकिन नई व्यवस्था के तहत युवा अब अपने बड़े प्रोजेक्ट्स को भी सरकारी मदद से शुरू कर सकेंगे।

युवाओं में जबरदस्त उत्साह

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष के पहले ही महीने में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत 50 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। यह योजना युवाओं के बीच इतनी लोकप्रिय हो चुकी है कि रोजाना हजारों की संख्या में आवेदन किए जा रहे हैं।

650 से ज्यादा व्यवसाय विकल्प

इस योजना के तहत 650 से अधिक प्रकार के व्यवसाय शुरू करने की अनुमति दी गई है, जिससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इसमें विनिर्माण, सेवा, कृषि आधारित उद्योग, रिटेल, खाद्य प्रसंस्करण जैसे कई सेक्टर शामिल हैं।

स्वरोजगार योजना में होगा बड़ा बदलाव

सरकार अब मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में भी बड़ा बदलाव करने जा रही है। पहले जहां इस योजना के तहत सस्ती ब्याज दर पर लोन दिया जाता था, अब इसमें भी ब्याज मुक्त लोन देने का प्रावधान किया जाएगा। इस योजना में अब तक उद्योग क्षेत्र में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट लगाया जा सकता था। लेकिन अब सरकार इस लागत को चार गुना तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है, यानी परियोजना लागत को 1 करोड़ रुपये तक करने की योजना पर काम चल रहा है।

छोटे और मझोले उद्यमियों पर फोकस

बता दें की उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस खासतौर पर छोटे और मझोले उद्यमियों को प्रोत्साहित करने पर है। योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन करने से रोकना और ग्रामीण क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

भारत का अब अगला आसमानी शेर: तेजस मार्क-2 की तैयारी!

नई दिल्ली | देश की रक्षा क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देने जा रहा है भारत का अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान — तेजस मार्क-2। ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत विकसित यह फाइटर जेट न केवल भारत की वायुसेना को मजबूती देगा, बल्कि वैश्विक रक्षा बाज़ार में भी देश की उपस्थिति को और सशक्त बनाएगा।

तेजस का नया रूप, नई शक्ति

तेजस मार्क-2, भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस का उन्नत संस्करण है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित इस नए वर्जन में पहले के मुकाबले कई अत्याधुनिक तकनीकी सुधार किए गए हैं। इसका डिज़ाइन और इंजन, दोनों को नई पीढ़ी के युद्ध की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

यह विमान GE-F414 इंजन से लैस है, जो इसे पहले से अधिक शक्तिशाली और तेज बनाता है। तेजस मार्क-2 की अधिकतम गति 2,000 किमी/घंटा से अधिक है, और यह 7,500 किलोग्राम तक हथियार लेकर उड़ान भर सकता है। यह 2026 तक उड़ान भरेगा।

डिज़ाइन और तकनीक में आत्मनिर्भरता की झलक

तेजस मार्क-2 में भारत द्वारा विकसित एडवांस एवियोनिक्स, AESA रडार, इंटरनल वार सिस्टम और आधुनिक कॉकपिट लगाया गया है। यह विमान अब मल्टी-रोल कैपेबिलिटी के साथ तैयार है — यानी यह दुश्मन के ठिकानों पर हमला, हवाई लड़ाई, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और निगरानी — हर मिशन में सक्षम है।

भारतीय वायुसेना की ताकत में क्रांतिकारी इजाफा

भारतीय वायुसेना के अनुसार, तेजस मार्क-2 की पहली स्क्वाड्रन को 2028 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा। यह नया प्लेटफॉर्म पुराने मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 जैसे विमानों की जगह लेगा। इससे भारत की वायु रक्षा प्रणाली और अधिक मॉडर्न और आत्मनिर्भर बनेगी।

तेजस मार्क-2 सिर्फ घरेलू जरूरतों तक सीमित नहीं रहेगा। रक्षा मंत्रालय और HAL का लक्ष्य है कि इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पेश किया जाए। पहले ही तेजस के मौजूदा वर्जन को कई देशों ने खरीदने में रुचि दिखाई है, और मार्क-2 की बढ़ी हुई क्षमताएं इसे और भी अधिक आकर्षक विकल्प बनाएंगी।

यूपी में श्रमिकों को बुढ़ापे में ₹3,000 मासिक पेंशन

लखनऊ। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए एक राहत भरी खबर है। उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (PM-SYM) के तहत अब 60 वर्ष की आयु के बाद पात्र मजदूरों को हर महीने ₹3,000 की पेंशन दी जाएगी। यह योजना उन लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो आजीवन मेहनत तो करते हैं, लेकिन वृद्धावस्था में जीवनयापन के लिए संघर्ष करते हैं।

कौन उठा सकता है योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगा, जिनकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है। इसमें शामिल हैं: दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, निर्माण श्रमिक, रिक्शा चालक, खेतिहर मजदूर, सफाई कर्मचारी, दर्जी, मोची, माली, धोबी आदि। इन सभी को सरकार वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देने का प्रयास कर रही है।

कैसे काम करती है योजना?

18 से 40 वर्ष तक के आयु वर्ग के श्रमिक इस योजना में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें हर महीने एक निश्चित राशि का अंशदान करना होता है, जो उनकी उम्र पर निर्भर करता है। यह योगदान ₹55 से ₹200 के बीच होता है। खास बात यह है कि सरकार भी श्रमिक के योगदान के बराबर की राशि जोड़ती है।

एक उदाहरण से समझिए:

अगर कोई श्रमिक 30 वर्ष का है, तो उसे हर महीने ₹100 का अंशदान करना होगा। सरकार भी ₹100 का योगदान जोड़ेगी। इस प्रकार, कुल ₹200 का मासिक निवेश होगा। 60 वर्ष की उम्र में उस व्यक्ति को हर महीने ₹3,000 की पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी, जीवनभर के लिए।

कैसे करें आवेदन?

नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन करें

आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर साथ ले जाएं

अंशदान राशि आपकी उम्र के अनुसार तय की जाएगी

रजिस्ट्रेशन के बाद पेंशन कार्ड और रसीद तुरंत मिल जाएगी

क्यों है यह योजना खास?

भारत जैसे देश में जहां करोड़ों लोग आज भी दो वक्त की रोटी के लिए जूझ रहे हैं, वहां यह योजना केवल आर्थिक मदद नहीं बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकती है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पहली बार इस तरह की दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा देने का प्रयास किया गया है।

एक बार निवेश करें, हर साल ₹1.42 लाख की पेंशन पाएं

नई दिल्‍ली: रिटायरमेंट के बाद नियमित आय न होने से जीवन में कई तरह की आर्थिक दिक्कतें आ सकती हैं। ऐसे में पेंशन स्कीम्‍स बुजुर्गों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन जाती हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए "न्‍यू जीवन शांति प्‍लान" (LIC New Jeevan Shanti Plan) की शुरुआत की है, जो एक बार निवेश करने पर जीवनभर के लिए निश्चित पेंशन की सुविधा देता है।

क्या है 'न्‍यू जीवन शांति योजना'?

एलआईसी की यह योजना एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, सिंगल प्रीमियम, डेफर्ड एन्युटी योजना है। इसमें निवेशक को केवल एक बार प्रीमियम भरना होता है और चुने गए डेफरमेंट पीरियड (निवेश और पेंशन शुरू होने के बीच की अवधि) के बाद उसे नियमित पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। योजना में पेंशन लेने के लिए सालाना, छमाही, तिमाही और मासिक विकल्प उपलब्ध हैं। इसके अलावा, पॉलिसी को सिंगल लाइफ या जॉइंट लाइफ मोड में भी खरीदा जा सकता है।

कितना निवेश और क्या मिलेगा लाभ?

इस योजना में न्यूनतम निवेश राशि ₹1.5 लाख है, जबकि अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। पेंशन की राशि निवेश, उम्र और डेफरमेंट पीरियड पर निर्भर करती है। अगर कोई व्यक्ति 45 वर्ष की उम्र में इस योजना में ₹10 लाख का निवेश करता है और 12 साल का डेफरमेंट पीरियड चुनता है, तो उसे सिंगल लाइफ विकल्प के तहत सालाना ₹1,42,500 की पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

छमाही पेंशन: ₹69,825

तिमाही पेंशन: ₹34,556

मासिक पेंशन: ₹11,400

वहीं, जॉइंट लाइफ विकल्प में यही निवेश करने पर सालाना ₹1,33,400 की पेंशन मिलती है। इस विकल्प में दोनों व्यक्तियों के जीवित रहने तक पेंशन मिलती रहती है। दोनों की मृत्यु के बाद नॉमिनी को मूल राशि लौटा दी जाती है। इस योजना को खरीदते समय ध्यान देना चाहिए कि जितना लंबा डेफरमेंट पीरियड और जितनी अधिक आयु में पेंशन शुरू की जाती है, पेंशन की राशि उतनी अधिक होती है।

आवेदन के लिए वेबसाइट : https://licindia.in/

बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार: 1000+ पदों पर भर्ती

पटना। बिहार सरकार की विभिन्न विभागों में इस साल युवाओं के लिए सुनहरा अवसर सामने आया है। 1000 से अधिक पदों पर भर्तियों की घोषणाएं की गई हैं, जिनमें तकनीकी सहायक, असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर, जिला सांख्यिकी अधिकारी और प्रवर्तन उप निरीक्षक जैसे अहम पद शामिल हैं। यदि आप डिप्लोमा या स्नातक धारक हैं और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो यह समय आपके लिए बेहद खास हो सकता है।

1. बिहार पंचायती राज विभाग में 942 तकनीकी सहायक पदों पर भर्ती

बिहार पंचायती राज विभाग (Bihar PRD) ने तकनीकी सहायक के 942 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। इस भर्ती के लिए डिप्लोमा धारक उम्मीदवार पात्र होंगे।

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 26 मई 2025

अंतिम तिथि: 25 जून 2025

आवेदन वेबसाइट: zp.bihar.gov.in

2. BPSC द्वारा 41 असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर की वैकेंसी

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 41 असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (ASO) पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। किसी भी विषय में स्नातक उम्मीदवार इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 29 मई 2025

अंतिम तिथि: 23 जून 2025

आवेदन वेबसाइट: bpsc.bihar.gov.in

3. जिला सांख्यिकी अधिकारी/सहायक निदेशक के 47 पद

BPSC ने जिला सांख्यिकी अधिकारी/सहायक निदेशक के 47 पदों पर भर्ती निकाली है। इस पद के लिए भी स्नातक पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 3 जून 2025

अंतिम तिथि: 24 जून 2025

आवेदन वेबसाइट: bpsc.bihar.gov.in

4. BPSSC द्वारा प्रवर्तन उप निरीक्षक के 33 पदों पर भर्ती

बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC) ने प्रवर्तन उप निरीक्षक (Enforcement SI) के 33 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। स्नातक पास युवा इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 30 मई 2025

अंतिम तिथि: 30 जून 2025

आवेदन वेबसाइट: bpssc.bihar.gov.in

यूपी में सरकारी नौकरियों की बहार, 150+ पदों पर भर्ती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार के दो प्रमुख आयोग—उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) और उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC)—ने विभिन्न पदों पर भर्तियों की घोषणा की है। योग्य अभ्यर्थी इन पदों के लिए निर्धारित तिथियों पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

UPPSC: फार्म मैनेजर, रीडर सहित 50 पदों पर भर्ती

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने फार्म मैनेजर, रीडर और अन्य पदों पर कुल 50 रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इन पदों के लिए विभिन्न शैक्षणिक योग्यताएं तय की गई हैं जिनमें किसी भी विषय में स्नातक (Bachelor’s Degree), B.Sc, B.Tech/BE, BVSC, किसी भी विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री, MA, M.Sc, और MS/MD शामिल हैं।

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 8 मई 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 9 जून 2025

आधिकारिक वेबसाइट: uppsc.up.nic.in

UPESSC: असिस्टेंट प्रोफेसर के 107 पदों पर भर्ती

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए सुनहरा अवसर प्रदान किया है। आयोग ने राज्यभर के सरकारी डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 107 पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इन पदों के लिए B.Ed., किसी भी विषय में मास्टर डिग्री, और M.Phil/Ph.D योग्यताएं मान्य हैं।

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 23 मई 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 12 जून 2025

आधिकारिक वेबसाइट: upessc.up.gov.in

कैसे करें आवेदन

इच्छुक उम्मीदवार संबंधित आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन के दौरान अभ्यर्थियों को अपनी शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी।

बिहार में भूमि मालिकों के लिए नई सुविधा: 3 जून से शुरू

पटना। बिहार सरकार ने भूमि से जुड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 3 जून से राज्य का पहला भूमि हेल्पलाइन सेंटर शुरू करने की घोषणा की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की इस पहल के तहत अब राज्य के नागरिक टोल-फ्री नंबर 18003456215 पर कॉल कर विभिन्न भूमि संबंधी सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।

हेल्पलाइन सेंटर का भव्य शुभारंभ

रविवार को पटना के दानापुर स्थित सीएससी कार्यालय में इस सेंटर का उद्घाटन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने किया। मंत्री ने इस सेवा को “जनता से जुड़ने की डिजिटल पहल” करार देते हुए बताया कि यह कॉल सेंटर सोमवार से शनिवार, सुबह 9:30 बजे से शाम 6 बजे तक संचालित रहेगा।

अब दफ्तरों के चक्कर खत्म

मंत्री सरावगी ने कहा, “अब नागरिकों को दाखिल-खारिज, म्यूटेशन, जमाबंदी और अन्य भूमि दस्तावेजों के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कॉल सेंटर के माध्यम से घर बैठे सहायता मिलेगी।” उन्होंने इसे बिहार के डिजिटल मिशन की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।

हेल्पलाइन सेंटर से मिलेंगी ये प्रमुख सेवाएं:

आवेदन की स्थिति की जानकारी

शिकायतों का पंजीकरण और समाधान

ग्रामीणों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने में मदद। 

विभागीय योजनाओं की जानकारी और नागरिकों को जागरूक करना

भूमि संबंधी दस्तावेजों की जानकारी (दाखिल-खारिज, जमाबंदी, म्यूटेशन आदि)

डिजिटल सशक्तिकरण की ओर कदम

यह हेल्पलाइन न सिर्फ एक सूचना केंद्र के रूप में काम करेगी, बल्कि यह नागरिक अधिकारों और डिजिटल सशक्तिकरण का भी मंच बनेगी। ग्रामीण और दूरदराज के नागरिकों को इससे काफी लाभ होगा, विशेष रूप से उन लोगों को जो अब तक डिजिटल सेवाओं से वंचित रहे हैं।

समुद्र से लॉन्च होने वाली 4 सबसे घातक मिसाइलें, 1 भारत के पास!

नई दिल्ली। आज के दौर में आधुनिक युद्ध सिर्फ ज़मीन या आकाश तक सीमित नहीं रह गया है। अब महासागर भी रणभूमि बन चुके हैं, और इनमें सबसे ख़तरनाक हथियार हैं – समुद्र से लॉन्च होने वाली मिसाइलें। ये मिसाइलें परमाणु हथियारों से लैस हो सकती हैं, हजारों किलोमीटर दूर लक्ष्य को तबाह कर सकती हैं और गुप्त रूप से पनडुब्बियों या युद्धपोतों से दागी जाती हैं।

1. Trident II (D5) – अमेरिका / ब्रिटेन

मंच: परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल, पनडुब्बी से लॉन्च

दूरी: 12,000+ किमी

गति: Mach 24

विशेषता: एक मिसाइल में 12 स्वतंत्र लक्ष्य बिंदु (MIRV)

विवरण: Trident II अमेरिका और ब्रिटेन की पनडुब्बियों से दागी जाती है। यह परमाणु हमला करने की क्षमता में सबसे शक्तिशाली मानी जाती है।

2. Bulava (RSM-56) – रूस

मंच: बैलिस्टिक मिसाइल, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम

दूरी: 9,000+ किमी

गति: Mach 20+

विशेषता: अत्याधुनिक अवरोधक (interceptor) विरोधी प्रणाली

विवरण: यह रूस की नई पीढ़ी की परमाणु मिसाइल है जो बोरेई-क्लास पनडुब्बियों से दागी जाती है। ये दुनिया के घातक मिसाइलों में शामिल हैं।

3 . JL-3 (Julang-3) – चीन

मंच: परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल

दूरी: 9,000–12,000 किमी (अनुमानित)

विशेषता: नई पीढ़ी की पनडुब्बियों के लिए विकसित

विवरण: चीन की यह मिसाइल अमेरिका तक वार करने की क्षमता रखती है और इसका मुख्य उद्देश्य निवारक (deterrence) क्षमता को बढ़ाना है।

4. K-4 – भारत

मंच: बैलिस्टिक मिसाइल, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम

दूरी: 3,500–5,000 किमी

विशेषता: भारत की INS Arihant पनडुब्बियों के लिए डिजाइन

विवरण: K-4 भारत की ‘न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता’ (minimum credible deterrence) नीति का अहम हिस्सा है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है।

अहमदाबाद: सहायक प्रबंधक के 100 पदों पर भर्ती

अहमदाबाद। गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) ने राज्यभर के योग्य उम्मीदवारों के लिए सहायक प्रबंधक के 100 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। यह भर्ती होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में प्रशिक्षित युवाओं के लिए सुनहरा अवसर लेकर आई है। इच्छुक अभ्यर्थी 27 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

योग्यता

आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी एडमिनिस्ट्रेशन या संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा/डिग्री/पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा होना अनिवार्य है। अधिक जानकारी के लिए नोटिश को पढ़ें।

वेतनमान

चयनित उम्मीदवारों को प्रतिमाह ₹26,000/- वेतन प्रदान किया जाएगा।

चयन प्रक्रिया

उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। परीक्षा तिथि, सिलेबस, एडमिट कार्ड और अन्य विवरण GSSSB की आधिकारिक वेबसाइट पर समय-समय पर अपडेट किए जाएंगे।

आवेदन प्रक्रिया

यह भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की जा रही है। उम्मीदवार https://gsssb.gujarat.gov.in/Index लिंक पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 27 जून 2025

8वां वेतन आयोग: लेवल 1 से 18 के कर्मचारियों की पेंशन में कितना होगा इजाफा?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू किए जाने की खबर ने देशभर के केंद्रीय पेंशनभोगियों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है। सरकार जल्द ही आयोग के चेयरमैन और सदस्यों के नामों की घोषणा कर सकती है। यह वेतन आयोग न केवल वर्तमान सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बदलाव लाएगा, बल्कि लेवल 1 से 18 तक के रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में भी बड़ा इजाफा संभव है।

फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से बढ़ेगी पेंशन

8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच तय किए जाने की संभावना है। यही फैक्टर मौजूदा पेंशन पर लागू होगा, जिससे संशोधित पेंशन तय की जाएगी। उदाहरण के तौर पर, लेवल-1 के जिन पेंशनभोगियों की मौजूदा मूल पेंशन ₹9,000 है, उन्हें 1.92 फिटमेंट पर ₹17,280 और 2.86 पर ₹25,740 पेंशन मिलने की संभावना है।

इसी तरह, उच्च ग्रेड वाले पेंशनभोगियों को भी भारी लाभ मिल सकता है। उदाहरणस्वरूप: लेवल 10 की मौजूदा मूल पेंशन ₹28,050 है, जो 2.86 फिटमेंट पर ₹80,223 तक पहुंच सकती है। जबकि लेवल 18 की पेंशन ₹1,12,500 से बढ़कर ₹3,21,750 तक जा सकती है।

डीआरए का भी होगा असर

ध्यान देने योग्य बात यह है कि पेंशनभोगियों की मूल पेंशन में प्रत्यक्ष रूप से बदलाव नहीं होता। लेकिन महंगाई राहत (Dearness Relief Allowance - DRA) में बदलाव साल में दो बार किया जाता है, जिससे पेंशन में वास्तविक बढ़ोतरी होती है।

कैबिनेट से मंजूरी के बाद होगा फैसला

वेतन आयोग द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों को कैबिनेट की मंजूरी मिलना आवश्यक है। सरकार यदि आवश्यक समझे तो आयोग को कुछ बदलाव के सुझाव भी दे सकती है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही फिटमेंट फैक्टर को अंतिम रूप दिया जाएगा, जो पेंशन में बढ़ोतरी का आधार बनेगा।

करोड़ों पेंशनभोगियों को मिलेगी राहत

देशभर में लाखों पेंशनधारक 7वें वेतन आयोग के आधार पर पेंशन ले रहे हैं। अब 8वें वेतन आयोग से उन्हें दोगुनी या उससे अधिक पेंशन मिलने की उम्मीद है। यह संशोधन न केवल रिटायर्ड कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि बढ़ती महंगाई के बीच उन्हें बड़ी राहत भी देगा।

यूपी के राजकीय कॉलेजों में 1800 पदों पर होगी भर्ती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार 1800 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती की तैयारी में है। यह भर्ती प्रदेश में नवस्थापित 71 राजकीय महाविद्यालयों में की जाएगी, जिनमें से 69 कॉलेज आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से संचालन में आ रहे हैं।

उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस सप्ताह तकरीबन 1232 नए पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को भेजने का निर्णय लिया है। इससे पहले 562 पदों का अधियाचन पहले ही भेजा जा चुका है, जिससे कुल रिक्तियों की संख्या लगभग 1800 हो गई है।

नई परीक्षा प्रणाली का रास्ता साफ

अब तक असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती मुख्यतः साक्षात्कार के आधार पर होती थी। लेकिन अब प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए नई परीक्षा प्रणाली लागू की जा रही है। इस नई प्रणाली में प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू तीनों चरण शामिल होंगे।

सूत्रों के अनुसार, इस नए परीक्षा प्रारूप को कार्मिक विभाग से मंजूरी मिल चुकी है, और अब कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार है। कैबिनेट से हरी झंडी मिलते ही UPPSC नई भर्ती का विज्ञापन जारी कर सकता है। इन महाविद्यालयों में शैक्षिक गतिविधियों को प्रभावी ढंग से शुरू करने के लिए शिक्षक पदों का सृजन पहले ही किया जा चुका है। जल्द ही UPPSC द्वारा विस्तृत भर्ती विज्ञापन जारी किया जाएगा।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार

प्रदेश सरकार द्वारा 71 नए महाविद्यालयों की स्थापना से राज्य के युवाओं को उच्च शिक्षा में अधिक अवसर मिलेंगे। इनमें से दो महाविद्यालय निर्माणाधीन हैं, जिनका संचालन आगामी सत्र में शुरू होगा, जबकि बाकी 69 कॉलेज इसी सत्र से शिक्षा सत्र शुरू करेंगे।

बिहार के इन 14 प्रखंडों में बनेगा बड़ा कोल्ड स्टोरेज

नवादा, बिहार। राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों के लिए राहत भरी खबर है। बिहार सरकार अब प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से प्रत्येक प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज और गोदाम बनाने जा रही है। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर बाजार मूल्य दिलाना और उनकी उपज को सुरक्षित भंडारण की सुविधा देना है।

रविवार को नवादा सर्किट हाउस सभागार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नवादा जिले के सभी 14 प्रखंडों में आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और गोदाम का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 10 हजार वर्ग फीट भूमि की व्यवस्था की जा रही है, जिसकी प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जिलाधिकारी को इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं।

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत अधिक लाभ दिलाने के लिए लगातार काम कर रही है। रबी सीजन में गेहूं की खरीद पर पहले MSP ₹2275 थी, जिसे बढ़ाकर अब ₹2425 कर दिया गया है। इससे किसानों को बाजार में अब बेहतर कीमत मिल रही है।

सब्जी उत्पादक किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज एक बड़ा सहारा साबित होगा। अब उनकी उपज जल्दी खराब नहीं होगी और वे इसे अधिक समय तक स्टोर कर सकते हैं। इससे न केवल नुकसान से बचाव होगा, बल्कि उन्हें फसलों के बेहतर दाम भी मिलेंगे।

गोदाम व कोल्ड स्टोरेज के साथ अन्य सुविधाएं भी होंगी उपलब्ध

प्रत्येक प्रखंड में बनने वाले कोल्ड स्टोरेज की क्षमता 10 टन और गोदाम की क्षमता 20 टन होगी। इसके अलावा वहां कार्यालय, पार्किंग और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। यह सब सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा ताकि स्थानीय स्तर पर किसानों को समुचित सुविधा उपलब्ध हो सके।

यूपी के गांव-गांव में शुरू होगी ये योजना, किसानों को फायदा!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को प्रदेश के हर गांव तक पहुंचाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब इस योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में किया जा रहा है। योजना का उद्देश्य न केवल खेती की लागत को कम करना है, बल्कि किसानों को अधिक आय दिलाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी है।

बुंदेलखंड में सफल प्रयोग के बाद सरकार अब पूरे प्रदेश में हर ग्राम पंचायत में एक 'प्राकृतिक खेती क्लस्टर' बनाने जा रही है। इस क्लस्टर के तहत 50 हेक्टेयर भूमि पर कम से कम 125 किसानों को शामिल किया जाएगा। खास बात यह है कि ये क्लस्टर नदियों के किनारे पांच किलोमीटर के दायरे में विकसित किए जाएंगे, जिससे पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो सके।

दो साल तक मिलेगा वित्तीय सहयोग

सरकार किसानों को इस योजना में जोड़ने के लिए प्रोत्साहन अनुदान भी दे रही है। हर क्लस्टर को पहले साल 7.16 लाख रुपये और दूसरे साल 6.83 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसानों को फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) से भी जोड़ा जाएगा ताकि वे फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज जैसी आधुनिक सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

जैविक उत्पादों को मिलेगा बेहतर बाजार

सरकार की योजना है कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर किसान जैविक उत्पाद तैयार करें, जिनकी बाजार में अधिक मांग और बेहतर कीमत होती है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में बड़े पैमाने पर क्लस्टर विकसित कर लाखों किसानों को योजना से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इस पहल से एक ओर जहां कृषि उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होगी, वहीं दूसरी ओर किसानों को स्थायी और लाभकारी आय का जरिया भी मिलेगा। प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता भी घटेगी।

यूपी में इन शिक्षकों और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुद्ध इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत 21 शिक्षकों और कर्मचारियों से 62.84 लाख रुपये वसूलने का आदेश दिया है। यह रकम वेतन निर्धारण में गड़बड़ी और दोहरे इंक्रीमेंट के जरिये गलत तरीके से निकाली गई थी। मंडलीय आडिट टीम की जांच में इस घोटाले का खुलासा हुआ है।

दोहरा इंक्रीमेंट बन गया भारी

मामला वर्ष 2016 से जुड़ा है, जब कॉलेज के 17 शिक्षकों, 1 लिपिक और 3 परिचारकों ने वेतन में दोहरे इंक्रीमेंट का लाभ उठाते हुए अनियमित भुगतान प्राप्त किया। गोरखपुर सप्तम मंडल की मंडलीय आडिट टीम ने जांच कर यह फर्जीवाड़ा उजागर किया। आडिट रिपोर्ट के अनुसार इन सभी ने मिलकर विभाग को 62.84 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया।

जेडी गोरखपुर ने दिए वसूली के निर्देश

संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) सप्तम मंडल गोरखपुर सतीश चंद सिंह ने 30 मई को डीआईओएस कुशीनगर को पत्र भेजकर संबंधित शिक्षकों और कर्मचारियों से यह राशि 36 मासिक किस्तों में वसूलने का निर्देश दिया है। चूंकि मई माह का वेतन पहले ही जारी हो चुका था, इसलिए वसूली अब जून 2025 से शुरू की जाएगी।

जवाबतलबी और नोटिस की कार्रवाई शुरू

जेडी के आदेश के आधार पर लेखा विभाग ने संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सभी पर वित्तीय अनियमितता और सरकारी धन की हानि का आरोप है। डीआईओएस कुशीनगर ने पुष्टि करते हुए कहा है कि उन्हें जेडी का पत्र अभी प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन रिपोर्ट के आधार पर जून माह से वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

भूमि सर्वे 2025: बिहार के जमीन मालिकों को बड़ी राहत

पटना। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण और उससे जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्य के पहले टोल-फ्री हेल्पलाइन सेंटर (18003456215) की शुरुआत की है, जो अब भूमि से जुड़े दस्तावेज, विभागीय योजनाओं, शिकायतों और समाधान से संबंधित सभी सेवाएं एक ही नंबर पर प्रदान करेगा।

रविवार को दानापुर स्थित सीएससी कार्यालय में इस हेल्पलाइन सेंटर का उद्घाटन राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने किया। मंत्री ने बताया कि यह हेल्पलाइन सेवा 3 जून 2025 से आम लोगों के लिए चालू कर दी जाएगी और यह सोमवार से शनिवार, सुबह 9:30 से शाम 6:00 बजे तक उपलब्ध रहेगी।

अब नहीं काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर

राजस्व मंत्री ने कहा, “इस हेल्पलाइन सेंटर का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के नागरिकों तक राजस्व व भूमि से जुड़ी सूचनाएं पहुंचाना और उनकी समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है। अब नागरिकों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।”

डिजिटल बिहार की ओर एक और कदम

मंत्री सरावगी ने इसे बिहार सरकार के डिजिटल मिशन को जमीनी स्तर पर सफल बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल बताया। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि भूमि व राजस्व जैसे विषय आम नागरिकों के लिए अक्सर जटिल होते हैं, लेकिन प्रशिक्षित कॉल एजेंट्स की मदद से यह सेवा जन-सुलभ और सहज होगी।

जनता और सरकार के बीच मजबूत संवाद

विभाग के सचिव जय सिंह ने इस हेल्पलाइन को सरकार और जनता के बीच मजबूत संवाद का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकारी योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगी, तब तक वे प्रभावशाली नहीं बन सकतीं। उन्होंने कहा कि सीएससी की भागीदारी से सेवा को और अधिक पारदर्शी, सुलभ और जवाबदेह बनाया जा सकेगा।

यूपी में फ्री राशन पाने वालों के लिए एक बड़ा अपडेट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुफ्त राशन योजना से जुड़े करोड़ों लाभार्थियों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब सरकार खुद लाभार्थियों से बातचीत करेगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि उन्हें योजना का पूरा लाभ मिल रहा है या नहीं। इस दिशा में खाद्य एवं रसद विभाग एक अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर विकसित करवा रहा है, जो सीधे फोन कॉल के माध्यम से लाभार्थियों से फीडबैक लेगा।

राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य मुफ्त राशन वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है। खाद्य आयुक्त रणवीर प्रसाद ने जानकारी दी कि “हम सिस्टम को पारदर्शी और लाभार्थी केंद्रित बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। यह नया फीडबैक तंत्र उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

हर माह होगी लाभार्थियों से बातचीत

प्रदेश में 15.23 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, जिसमें 64.43 प्रतिशत शहरी और 79.53 प्रतिशत ग्रामीण आबादी शामिल है। अब इन लाभार्थियों से हर महीने फोन के माध्यम से पांच सवाल पूछे जाएंगे, जैसे: क्या उन्हें पूरा राशन मिल रहा है? कोटेदार का व्यवहार कैसा है? वितरण में कोई गड़बड़ी तो नहीं है? क्या कोई असुविधा हो रही है? योजना से वे कितने संतुष्ट हैं?

ये कॉल इंसानों द्वारा नहीं, बल्कि एक एआई-आधारित वॉइस सॉफ्टवेयर के जरिए की जाएंगी। खास बात यह है कि हर कोटेदार के क्षेत्र से चयनित कुछ लाभार्थियों को हर महीने कॉल की जाएगी, और यह चयन भी सॉफ्टवेयर का एआई मॉड्यूल खुद तय करेगा।

शिकायतों का समाधान भी होगा सुनिश्चित

लाभार्थियों से प्राप्त शिकायतों या सुझावों को खाद्य विभाग गंभीरता से लेकर समय पर हल करेगा। इससे जहां लाभार्थियों को वास्तविक लाभ मिलेगा, वहीं गड़बड़ी करने वाले कोटेदारों पर भी शिकंजा कसेगा। इसको लेकर तैयारी की जा रही हैं।

बिहार के 9 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

पटना। बिहार में मानसून से पहले की आंधी और बारिश का दौर एक बार फिर सक्रिय होता नजर आ रहा है। मौसम विभाग ने उत्तर बिहार के 9 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में आज तेज आंधी, बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।

जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया शामिल हैं। विभाग ने इन क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने और बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

वैशाली में तूफान का कहर, महिला की मौत

रविवार शाम वैशाली जिले में आए तेज आंधी-तूफान और बारिश से एक बड़ा हादसा हो गया। तेज हवा के कारण एक घर ढह गया, जिसमें 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई। मृतका का पोता गंभीर रूप से घायल हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे ने मौसम की गंभीरता और सुरक्षा की जरूरत को फिर से उजागर कर दिया है।

दूसरे हफ्ते में प्रवेश करेगा मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में मानसून जून के दूसरे सप्ताह में दस्तक देगा। हालांकि इस बार मानसून की शुरुआत राहत लेकर नहीं आएगी। उत्तर-पूर्वी बिहार के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री ज्यादा बना रहेगा। ऐसे में आने वाले दिनों में भी गर्मी से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद कम है।

सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें

अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि आंधी और बिजली गिरने की स्थिति में पेड़ों के नीचे या खुले स्थानों पर खड़े न रहें। किसान भाइयों को भी सलाह दी गई है कि वे खेतों में काम करते समय मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें और दिए निर्देशों का पालन करें।