8वें वेतन आयोग: HRA की दरों में भी होगी वृद्धि?

नई दिल्ली। देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से बड़ी उम्मीदें हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी है, और इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की संभावना है। वेतन आयोग न केवल बेसिक सैलरी और पेंशन को रिवाइज करता है, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और कई अन्य अलाउंसेज़ में भी बदलाव करता है।

HRA में होगा बदलाव?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में HRA की दरों में संशोधन की पूरी संभावना है। वर्तमान में HRA की दरें 8% से 24% तक होती हैं, जो कर्मचारी के कार्य स्थल की श्रेणी (X, Y, Z शहर) पर निर्भर करती हैं। नए वेतन आयोग में इसे 10% से 30% तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, एक नई व्यवस्था पर भी चर्चा हो रही है जिसके तहत HRA की दरों को DA (महंगाई भत्ता) से लिंक किया जा सकता है। अगर DA 25% और 50% के स्तर पर पहुंचता है, तो HRA की दरों में स्वचालित रूप से बढ़ोतरी की संभावना होगी, जैसा कि 7वें वेतन आयोग में भी देखा गया था।

HRA दरों को कैसे तय किया जाता है?

HRA की दरें मुख्यतः तीन श्रेणियों के शहरों के आधार पर तय होती हैं:

X श्रेणी शहर (मेट्रो सिटी) – अभी तक 24%

Y श्रेणी शहर (मध्यम आकार के शहर) – 16%

Z श्रेणी शहर (छोटे शहर और कस्बे) – 8%

अगर प्रस्तावित संशोधन लागू होता है, तो इन दरों में क्रमशः 30%, 20% और 10% तक की वृद्धि हो सकती है।

वेतन कैसे होता है रिवाइज?

वेतन आयोग द्वारा तय फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को रिवाइज किया जाता है। केंद्र सरकार को इस फिटमेंट फैक्टर को अंतिम रूप देने का अधिकार होता है। फिटमेंट फैक्टर के अलावा भत्तों में संशोधन करके भी सैलरी को अधिक प्रतिस्पर्धी और महंगाई के अनुकूल बनाया जाता है।

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