हरियाली के साथ शिक्षा
इस पहल का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों को हरित परिसर में बदलना है। बारिश का मौसम पौधारोपण के लिए सबसे उपयुक्त होता है, और इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने योजना को अमल में लाने का निर्णय लिया है। स्कूल परिसरों में छोटे-बड़े पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें फलदार, छायादार और औषधीय पौधे शामिल होंगे। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचेगा, बल्कि बच्चों को भी प्रकृति की अहमियत का अनुभव होगा।
बागवानी की शिक्षा – एक कदम
पौधारोपण के साथ-साथ विद्यार्थियों को बागवानी की बारीकियों से भी अवगत कराया जाएगा। शिक्षक बच्चों को पौधों की देखभाल, सिंचाई, कटाई-छंटाई और सुरक्षा के गुर सिखाएंगे। इससे बच्चों में न केवल जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता भी बढ़ेगी।
स्कूलों को मिलेगी वित्तीय सहायता
हर विद्यालय को पौधारोपण और बागवानी के लिए 5,000 रुपये की राशि जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। इस राशि से बागवानी से जुड़े आवश्यक उपकरण जैसे कुदाल, पाइप, खुरपी, पानी देने की बाल्टी, कटीला तार आदि खरीदे जाएंगे। इन संसाधनों का उपयोग शिक्षक और छात्र मिलकर करेंगे, जिससे यह कार्य एक सामूहिक प्रयास का रूप लेगा।
पर्यावरण शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
यह पहल बच्चों को पाठ्यपुस्तकों से आगे प्रकृति से सीधे जोड़ने का कार्य करेगी। विद्यार्थियों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकार या संस्थानों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। जब बच्चे खुद पौधे लगाएंगे और उनकी देखभाल करेंगे, तो वे प्रकृति से एक भावनात्मक संबंध भी स्थापित करेंगे।
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