अब तक एक प्रशिक्षण प्रणाली के तौर पर प्रयोग हो रही इस मिसाइल को जल्द ही एक सक्रिय लड़ाकू हथियार के रूप में देखा जा सकता है। इसकी तकनीकी क्षमताएं और युद्धक डिजाइन इसे भारत की डिफेंस स्ट्रैटेजी में एक गेम-चेंजर बना सकती हैं।
क्या है STAR मिसाइल?
STAR यानी Supersonic Target मिसाइल को DRDO ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक सुपरसोनिक लक्ष्य (टारगेट) प्रणाली के रूप में विकसित किया था। इसका मुख्य उद्देश्य था नौसेना और थलसेना को आधुनिक हवाई खतरों से निपटने की ट्रेनिंग देना। यह मिसाइल ध्वनि की गति से 2.5 गुना तेज (मच 2.5+) उड़ान भर सकती है, जिससे यह दुश्मन के विमानों और मिसाइलों की नकल करते हुए एक सटीक प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म बन जाती है।
तकनीकी विशेषताएँ: LFRJ इंजन
STAR मिसाइल की सबसे महत्वपूर्ण खासियत है इसका लिक्विड फ्यूल रैमजेट (LFRJ) इंजन। यह इंजन हवा में मौजूद ऑक्सीजन का उपयोग कर ईंधन जलाता है, जिससे मिसाइल में अलग से ऑक्सीजन ले जाने की जरूरत नहीं होती। इससे मिसाइल हल्की होती है, फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है और स्पीड में भी इजाफा होता है। यह तकनीक इसे बेहद घातक बनाती है।
तेजस से इंटीग्रेशन की तैयारी
DRDO की योजना है कि STAR मिसाइल को भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA तेजस से जोड़ा जाए। एक बार यह इंटीग्रेशन सफल हो जाए, तो तेजस विमान हवा में उड़ते दुश्मन के हाई-वैल्यू टारगेट्स, जैसे कि AWACS और एयरबोर्न कमांड प्लेटफॉर्म्स, को बहुत दूर से नष्ट कर सकेगा। इसके अलावा STAR को नौसेना के जहाजों और ग्राउंड लॉन्च प्लेटफॉर्म से भी लॉन्च करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
इस मिसाइल की रेंज और क्षमता
रिपोर्ट्स के मुताबिक STAR मिसाइल की अनुमानित रेंज 55 से 175 किलोमीटर तक हो सकती है। यह दूरी इसे लंबी दूरी के टारगेट्स को भी भेदने में सक्षम बनाती है। इतनी दूरी से अगर कोई मिसाइल दुश्मन के रडार सिस्टम या AWACS को निशाना बना सके, तो वह युद्ध की दिशा ही बदल सकती है।
0 comments:
Post a Comment