भर्ती प्रक्रिया में वर्षों का गतिरोध टूटा
उत्तर प्रदेश में एलटी ग्रेड शिक्षकों की पिछली भर्ती 2018 में हुई थी, जबकि प्रवक्ताओं की अंतिम भर्ती 2020 में हुई थी। इसके बाद से लाखों अभ्यर्थी नई भर्ती के लिए लगातार सरकार और आयोग से मांग करते आ रहे थे। सात वर्षों के इस लंबित मुद्दे का कारण अधियाचन में विषयवार आरक्षण को लेकर तकनीकी अड़चनें थीं। आयोग को पहले 8,905 पदों का अधियाचन मिला था, लेकिन उसमें विषयवार आरक्षण स्पष्ट न होने के कारण आयोग ने अधियाचन वापस कर दिया था। इसके बाद निदेशालय द्वारा संशोधित अधियाचन तैयार कर भेजा गया है, जिससे भर्ती प्रक्रिया अब तेज़ी से आगे बढ़ेगी।
विषयवार पदों का विस्तृत विवरण
संशोधित अधियाचन में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, कंप्यूटर, जीव विज्ञान, रसायन, भौतिकी, कॉमर्स, अर्थशास्त्र, भूगोल, नागरिक शास्त्र सहित अनेक विषयों के लिए पदों का समावेश है। इन विषयों में वर्षों से शिक्षकों की भारी कमी रही है, जिससे विद्यालयों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस भर्ती के बाद, इन विषयों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक पूरी हो सकेगी।
शिक्षा व्यवस्था को मजबूती, छात्रों को बेहतर भविष्य
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति से न केवल शिक्षण व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि लाखों छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। वर्तमान में कई विद्यालय अतिथि या आंशिक समय के शिक्षकों पर निर्भर हैं, जिससे पढ़ाई में अस्थिरता और गुणवत्ता में कमी आती रही है। नए शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षा में स्थिरता आएगी और छात्र बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे।
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