अमेरिका के B-2 बॉम्बर में लगा हैं ये ताकतवर इंजन

न्यूज डेस्क। अमेरिका के स्टील्थ B-2 बॉम्बर ने ईरान की फोर्डो और नतांज परमाणु साइट्स पर GBU-57 बम गिराए। यह मिशन बेहद लंबा और खतरनाक था – करीब 37 घंटे की लगातार उड़ान के बाद B-2 ने हमला किया और कुल मिलाकर लगभग 44 घंटे हवा में रहकर अमेरिका लौट गया। अब सवाल उठता है – कोई विमान इतनी लंबी उड़ान कैसे भर सकता है? और इतना लंबा इंजन ऑपरेशन होने पर इसमें आग क्यों नहीं लगती?

कौन-सा इंजन है B-2 बॉम्बर में?

B-2 स्पिरिट बॉम्बर में चार General Electric F118-GE-100 टर्बोफैन इंजन लगे होते हैं। ये इंजन खासतौर पर स्टील्थ तकनीक और लंबी दूरी की उड़ान के लिए बनाए गए हैं। हर इंजन लगभग 17,300 पाउंड थ्रस्ट जनरेट करता है, और इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह बेहद शांत और कूल ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ चलता है, जिससे रडार या थर्मल डिटेक्शन से बचा जा सके।

इंजन में आग क्यों नहीं लगती?

1 .एडवांस कूलिंग सिस्टम: F118 इंजन में अत्याधुनिक टर्बाइन ब्लेड कूलिंग टेक्नोलॉजी है। इसमें कंप्रेसर से निकली ठंडी हवा को टर्बाइन ब्लेड्स के चारों तरफ प्रवाहित किया जाता है ताकि वे ओवरहीट न हों।

2 .हीट-रेसिस्टेंट मटेरियल: इंजन के महत्वपूर्ण हिस्सों को हीट रेज़िस्टेंट सुपरएलॉयज़ से बनाया गया है, जो 1000°C से ऊपर तापमान सह सकते हैं।

3 .ऑटोमैटिक थ्रॉटल मैनेजमेंट: लंबी उड़ान के दौरान इंजन फुल पावर पर नहीं चलता। इसमें एक प्रोग्राम्ड फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम होता है जो थ्रस्ट को जरूरत के अनुसार एडजस्ट करता है, जिससे इंजन पर ज़्यादा लोड नहीं आता।

इतनी लंबी उड़ान संभव कैसे होती है?

1 .एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (हवा में ईंधन भरना): B-2 बॉम्बर के पास अपने मिशन के दौरान अनेकों बार हवा में ईंधन भरवाने की सुविधा होती है। अमेरिका के KC-135 या KC-46 टैंकर विमान इसे मिड-एयर रिफ्यूलिंग देते हैं, जिससे इसे रनवे पर उतरने की ज़रूरत नहीं होती।

2 .डिज़ाइन और एरोडायनामिक्स: B-2 का फ्लाइंग विंग डिजाइन बेहद फ्यूल एफिशिएंट है। इसकी बॉडी में कम ड्रैग होता है जिससे यह अधिक समय तक उड़ान भर सकता है।

 पायलट इतने लंबे समय तक कैसे उड़ान भरते हैं?

B-2 बॉम्बर में दो पायलट होते हैं और उसमें बेसिक आराम की सुविधाएं भी होती हैं – जैसे आरामदायक सीटें, पोर्टेबल टॉयलेट, फूड स्टोरेज और ऑक्सीजन सपोर्ट। पायलट मिशन से पहले विशेष मानसिक और शारीरिक ट्रेनिंग से गुजरते हैं ताकि वे लगातार 40+ घंटे की उड़ान संभाल सकें।

0 comments:

Post a Comment