क्या है बदलाव?
सरकार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू करती है और उसी के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव होता है। DA की गणना एक बेस ईयर (Base Year) के आधार पर की जाती है। वर्तमान में यह बेस ईयर 2016 है। लेकिन 8वें वेतन आयोग में सरकार इसे 2026 करने पर विचार कर रही है।
जब नया बेस ईयर लागू होगा, तो तकनीकी रूप से DA '0%' से शुरू होगा, क्योंकि यह नई इंडेक्सिंग के आधार पर तय होगा। इसका अर्थ यह नहीं कि कर्मचारियों को नुकसान होगा, बल्कि इसका उद्देश्य DA को नई बेसिक सैलरी में मर्ज कर देना है।
कैसे मिलेगा फायदा?
DA होगा बेसिक में शामिल: मौजूदा महंगाई भत्ता (जो अभी 50% के करीब है) को नई बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा। इसका मतलब यह कि कर्मचारियों की नई मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ेगी।
DA की गणना नई सैलरी पर होगी: 2026 के बाद जब भी DA बढ़ेगा (जैसे 2% या 3%), वह नई, अधिक बेसिक सैलरी पर जोड़ा जाएगा। इससे DA की राशि अधिक होगी और कुल वेतन भी बढ़ेगा।
सैलरी स्ट्रक्चर होगा 'रिचार्ज': यह बदलाव पूरी सैलरी संरचना को रीसेट और मजबूत कर देगा, जिससे हर बार DA में इजाफा सीधा जेब में असर डालेगा।
क्या यह कर्मचारियों के लिए अच्छा है?
बिलकुल। ‘DA शून्य से शुरू’ होने की बात सिर्फ तकनीकी है। वास्तविकता यह है कि कर्मचारियों की नई सैलरी पहले से ज्यादा होगी। पुराने DA को मिलाकर एक नई बड़ी बेसिक सैलरी तय होगी, और भविष्य में DA बढ़ोतरी भी उसी पर आधारित होगी। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग इसके प्रारूप पर कार्य कर रहे हैं।
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