क्या है कम्यूटेड पेंशन?
सरकारी कर्मचारी जब रिटायर होते हैं, तो उन्हें यह विकल्प दिया जाता है कि वे अपनी पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त (lump sum) ले सकते हैं। इस प्रक्रिया को पेंशन का कम्यूटेशन (Commutation of Pension) कहते हैं। बदले में, उस कर्मचारी की मासिक पेंशन से एक तय हिस्सा 15 वर्षों तक काटा जाता है, ताकि सरकार उस एडवांस राशि की वसूली कर सके।
उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी रिटायरमेंट पर ₹10,00,000 की कम्यूटेड राशि लेता है, तो उसकी मासिक पेंशन से एक निश्चित कटौती की जाती है, और 15 साल तक उसे पूरी पेंशन नहीं मिलती।
कम्यूटेड पेंशन बहाली की अवधि क्यों घटाई जाए?
नेशनल काउंसिल (JCM) और कई कर्मचारी यूनियनें यह मांग कर रही हैं कि बहाली की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल कर दिया जाए। इसके पीछे कई मजबूत तर्क हैं:
ब्याज दरों में गिरावट – पिछले वर्षों में भारत में ब्याज दरें लगातार घटी हैं, जिससे सरकार द्वारा की जा रही वसूली की गणना अब कर्मचारियों के पक्ष में नहीं रह गई है।
असमानता और आर्थिक बोझ – कर्मचारी अपने ही पैसे का बड़ा हिस्सा वर्षों तक खो बैठते हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद आर्थिक दबाव बढ़ता है।
स्वास्थ्य और सामाजिक खर्च – बढ़ते मेडिकल खर्च, जीवन यापन की लागत, बच्चों की जिम्मेदारियां आदि कारणों से रिटायर कर्मचारियों को जल्दी पूरी पेंशन मिलना जरूरी हो गया है।
क्या हो सकता है फायदा?
यदि यह मांग स्वीकार हो जाती है और बहाली की अवधि 12 साल कर दी जाती है, तो: रिटायर कर्मचारियों को जल्दी पूरी पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। वे अपनी सेहत, पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक दायित्वों को बेहतर तरीके से पूरा कर पाएंगे। रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्वतंत्रता और मानसिक संतुलन बेहतर होगा।
8वें वेतन आयोग में क्या है स्थिति?
7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है और सामान्य प्रक्रिया के तहत अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए। हालांकि: अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। Terms of Reference (ToR) भी घोषित नहीं किए गए हैं। फिर भी, कम्यूटेड पेंशन बहाली जैसे मुद्दे अब प्राथमिकता में लाए जा रहे हैं।
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