1. कैफीन की मात्रा – ऊर्जा का स्रोत या चिंता का कारण?
कॉफी में चाय की तुलना में लगभग दोगुनी कैफीन होती है। यह सतर्कता बढ़ाने में मदद करती है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने पर बेचैनी, नींद में कमी और दिल की धड़कन तेज कर सकती है। चाय में कम कैफीन होने से यह अधिक संतुलित विकल्प माना जा सकता है।
2. एंटीऑक्सिडेंट्स – रोग प्रतिरोधक क्षमता का सहारा
चाय (विशेषकर ग्रीन टी) में फ्लावोनॉइड्स और कैटेचिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स अधिक पाए जाते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। वहीं, कॉफी में भी क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो मधुमेह और सूजन से लड़ने में मदद करता है।
3. पाचन पर प्रभाव – कौन है ज्यादा हल्का?
चाय आमतौर पर पेट के लिए हल्की होती है, खासकर हर्बल या ग्रीन टी। दूसरी ओर, कॉफी एसिडिक होती है और खाली पेट पीने पर एसिडिटी या गैस की समस्या बढ़ा सकती है।
4. दिल की सेहत – रिसर्च क्या कहती है?
कुछ शोधों के अनुसार, सीमित मात्रा में कॉफी पीने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, लेकिन अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ सकता है। चाय (विशेषकर ब्लैक और ग्रीन टी) को हृदय के लिए लाभकारी माना गया है।
5. मानसिक स्वास्थ्य और मूड पर असर
कॉफी मानसिक सतर्कता बढ़ाने में तेज़ असर करती है, लेकिन ज्यादा सेवन से चिंता और तनाव भी बढ़ सकता है। चाय में अमीनो एसिड (जैसे L-theanine) होते हैं जो मस्तिष्क को शांत करने में मदद करते हैं।
6. वजन और मेटाबोलिज़्म पर असर
ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक मानी जाती है क्योंकि यह मेटाबोलिज़्म को तेज करती है। वहीं, ब्लैक कॉफी भी बिना दूध और चीनी के पी जाए तो फैट बर्न करने में सहायक हो सकती है।
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