किन-किन उद्योगों के लिए मिलती है सहायता?
इस योजना के अंतर्गत कुल 62 प्रकार के लघु उद्योगों के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इनमें खाद्य उत्पादन, फर्नीचर निर्माण, कृषि उपकरण निर्माण, सेवा उद्योग, हस्तशिल्प आदि जैसे उद्योग शामिल हैं। कुछ प्रमुख उद्योग इस प्रकार हैं:
1 .घरेलू उपयोग की वस्तुएं: डिटर्जेंट पाउडर, मोमबत्ती, बिंदी, मेंहदी, कृषि यंत्र, गेट-ग्रिल
2 .खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग: आटा, बेसन, सत्तू उत्पादन, नमकीन, जैम, जैली, सॉस, नूडल्स, अचार, पापड़, मोरब्बा निर्माण
3 .फर्नीचर एवं निर्माण उद्योग: बढ़ईगिरी, बांस व बेंत का फर्नीचर, नाव निर्माण, सीमेंट की जाली, खिड़की-दरवाजा, प्लास्टर ऑफ पेरिस के सामान
4 .सेवा उद्योग: सैलून, ब्यूटी पार्लर, लांड्री, ढाबा, रेडीमेड वस्त्र, कसीदाकारी, चूड़ी, मिट्टी के बर्तन, चमड़े के जूते-चप्पल
5 .अन्य उद्योग: मधुमक्खी पालन (हाइव बॉक्स), आभूषण निर्माण, स्टील बॉक्स, स्टेबलाइज़र, लोहारगिरी, बिजली पंखा निर्माण
सहायता राशि तीन किस्तों में
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत सहायता राशि तीन किस्तों में दी जाती है: पहली किस्त (₹50,000) उपकरण, मशीनरी आदि की खरीदारी के लिए। दूसरी किस्त (₹1,00,000) प्रशिक्षण के बाद कच्चा माल और अन्य सामान की खरीदारी हेतु। तीसरी किस्त (₹50,000) उद्योग की स्थापना पूर्ण होने के पश्चात।
चयन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जाते हैं। आवेदन की जांच अनुश्रवण समिति द्वारा की जाती है। योग्य आवेदकों का चयन कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रक्रिया से होता है। चयनित लाभुकों को संबंधित राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है।
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