योजना का उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य राज्य में मछली उत्पादन एवं मत्स्य बीज उत्पादन को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह योजना रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी सहायक साबित हो रही है। विगत तीन वर्षों में इस योजना के तहत 298.46 करोड़ रुपये का अनुदान वितरित किया जा चुका है।
योजना के प्रमुख लाभ
50% से 70% तक की सब्सिडी, राज्य के सभी जिलों में लागू, ऑनलाइन आवेदन की सुविधा, 31 अगस्त 2025 तक आवेदन की अंतिम तिथि।
अनुदान की पाँच श्रेणियाँ
1. उन्नत मत्स्य उत्पादन
प्रति इकाई (0.5 एकड़) लागत: ₹1 लाख, सब्सिडी: 50% (सामान्य वर्ग) से 70% (अनुसूचित जाति/जनजाति/महिला/अत्यंत पिछड़ा वर्ग)
2. ट्यूबवेल और पम्प सेट अधिष्ठापन
प्रति इकाई लागत: ₹1.2 लाख, सब्सिडी: 50-60%
3. यांत्रिक एरेटर की स्थापना
प्रति इकाई लागत: ₹50,000, सब्सिडी: 50-70%
4. कार्प हैचरी इनपुट सहायता
इकाई लागत: ₹8 लाख, सब्सिडी: 50-70%
5. मत्स्य बीज हैचरी का जीर्णोद्धार एवं उन्नयन
इकाई लागत: ₹5 लाख, सब्सिडी: 50-70%
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक मछली पालक 31 अगस्त 2025 तक योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट है: fisheries.bihar.gov.in
अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें: अपने नजदीकी जिला मत्स्य कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
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