यूपी में 1 जुलाई से सभी जिलों में मुफ्त कोचिंग शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना एक बार फिर चर्चा में है। इस योजना के अंतर्गत 1 जुलाई 2025 से जिलों में निःशुल्क कोचिंग सत्र की नई शुरुआत होने जा रही है। यह पहल खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है, ताकि उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में समान अवसर मिल सके।

रिकॉर्डतोड़ रजिस्ट्रेशन, छात्रों में जबरदस्त उत्साह

इस बार अभ्युदय योजना ने रजिस्ट्रेशन के मामले में नया कीर्तिमान रच दिया है। पूरे प्रदेश से 30,000 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इनमें से लखनऊ से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जहां 11 कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं। यह दर्शाता है कि छात्रों में इस योजना के प्रति कितना विश्वास और उत्साह है।

162 सेंटरों पर होगी उच्चस्तरीय तैयारी

प्रदेश भर में कुल 162 कोचिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां IAS, PCS, NEET, JEE, NDA, CDS, SSC, TET, Banking जैसी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इन कोचिंग सेंटरों में न केवल चयनित छात्रों को पढ़ाया जाएगा, बल्कि प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों और विषय विशेषज्ञों को भी बतौर फैकल्टी नियुक्त किया गया है। इससे छात्रों को वास्तविक और व्यावहारिक मार्गदर्शन मिल सकेगा।

पारदर्शी चयन और निगरानी व्यवस्था

अब तक 25 जिलों में प्रवेश परीक्षाएं संपन्न हो चुकी हैं। इन परीक्षाओं की संयुक्त निगरानी जिला समाज कल्याण अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की गई, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रही। अन्य जिलों में भी प्रवेश परीक्षाएं शीघ्र पूर्ण की जाएंगी।

क्यों खास है अभ्युदय योजना?

सशक्तिकरण – युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।

स्थानीय स्तर पर सुविधा – हर जिले में कोचिंग सेंटर होने से दूरदराज के छात्रों को भी अवसर।

शिक्षा में समानता – समाज के सभी वर्गों के छात्रों को बिना शुल्क के गुणवत्तापूर्ण कोचिंग उपलब्ध कराना।

सरकारी सेवाओं में बढ़ती भागीदारी – गरीब तबकों के छात्रों को भी IAS, PCS जैसी परीक्षाओं के लिए तैयार करना।

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