रुद्रम’ बना ड्रैगन का डर, भारत की शक्ति का प्रतीक

नई दिल्ली। भारत ने स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ से रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह मिसाइल दुश्मन के रडार और संचार प्रणालियों को निशाना बनाकर उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसके विकास और परीक्षण की खबर से चीन और पाकिस्तान दोनों की सुरक्षा व्यवस्था में चिंता की लहर दौड़ गई है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित रुद्रम मिसाइल प्रणाली को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30MKI के साथ एकीकृत किया गया है। यह मिसाइल हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है और दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को पहले चरण में ही निष्क्रिय कर सकती है।

रुद्रम: स्वदेशी तकनीक की मिसाल

‘रुद्रम’ भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। यह आधुनिक युद्ध प्रणाली की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित की गई है। मिसाइल में जड़त्वीय नेविगेशन, GPS मार्गदर्शन, और निष्क्रिय होमिंग हेड जैसी उन्नत तकनीकें शामिल हैं, जो इसे अत्यधिक सटीक बनाती हैं।

रुद्रम के प्रमुख संस्करण

रुद्रम-1

रेंज: 250 किलोमीटर, लॉन्च प्लेटफॉर्म: Su-30MKI, उद्देश्य: दुश्मन के रडार सिस्टम को निशाना बनाना

रुद्रम-2

सुपरसोनिक गति: मैक 5.5 (लगभग 6,791 किमी/घंटा), रेंज: 350 किलोमीटर, पेलोड: 200 किलोग्राम, उपयोग: तेज गति से गहराई तक मार करने के लिए

रुद्रम-3

रुद्रएम-III को विस्तारित पहुंच और बढ़ी हुई मारक क्षमता के लिए बनाया गया है, जिसकी कथित सीमा 550-600 किमी और 200 किलोग्राम का वारहेड है ।

रुद्रम-4 (विकासाधीन)

हाइपरसोनिक संस्करण, रेंज: 300 किमी से अधिक, विशेषता: हल्का, अधिक घातक और तेज़, इसका निर्माण किया जा रहा हैं। 

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